विश्व

मंकीपॉक्स की चिंता के बीच सामने आया खतरनाक मारबुर्ग वायरस, नहीं है कोई दवा या टीका

Renuka Sahu
21 July 2022 6:40 AM GMT
Dangerous Marburg virus surfaced amid concerns of monkeypox, there is no medicine or vaccine
x

 फाइल फोटो 

विश्व भर में कोरोना के बाद कई देशों में मंकीपॉक्स का खतरा अभी बरकरार है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व भर में कोरोना के बाद कई देशों में मंकीपॉक्स का खतरा अभी बरकरार है। हाल के दिनों में कई देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि भी दर्ज की गई है, लेकिन अब कोरोना और मंकीपॉक्स के साथ ही एक नए और बेहद खतरनाक वायरस ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। इस नए वायरस का नाम है,मारबुर्ग। हालांकि राहत की बात यह है कि इस वायरस के मामले अभी कुछ अफीक्री देशों में ही आए हैं। रक्तस्रावी बुखार संबंधी मारबुर्ग को दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस माना जाता है।

कोई दवा या टीका नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अब तक सामने आए मामलों के आधार पर मारबुर्ग से होने वाली मृत्यु दर 80 फीसदी से अधिक है। घाना से पहले सितंबर 2021 में गिनी में वायरस का एक मामला सामने आया था। कॉन्गो, दक्षिण अफ्रीका व युगांडा में भी मारबुर्ग के मामले सामने आ चुके हैं। वायरस से लड़ने के लिए फिलहाल कोई दवा या टीका नहीं बना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मारबुर्ग, इबोला जितना खतरनाक है। इससे संक्रमित होने पर इंसान को तेज बुखार, डायरिया, उल्टी और सिरदर्द होने लगता है।
ऐसे हुआ नामकरण
1967 में सबसे पहले इस वायरस का पता जर्मनी के मारबुर्ग शहर में चला। उसी आधार पर इसे मारबुर्ग कहा गया। अफ्रीका से लाए गए कुछ ग्रीन बंदरों से यह वायरस शहर में फैला। कुछ ही समय में यह जर्मन शहर फ्रैंकफर्ट और बेलग्रेड पहुंच गया। साल 1988 से अब तक इस वायरस से पीड़ित अधिकांश रोगियों की मौत हो गई।
चमगादड़ों, अन्य जानवरों से इंसानों में फैलाव
इस संक्रमण पर लगातार अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि मारबुर्ग वायरस चमगादड़ों समेत अन्य जानवरों से इंसान में फैल सकता है। इसके बाद लार या छींक से बाकी लोगों तक पहुंच सकता है। घाना में कई मामलें सामने आने के बाद वहां लोगों को सलाह दी गई है कि वे चमगादड़ों की गुफाओं से दूर रहें और खाने से पूर्व मांस को ठीक से धुलकर अच्छी तरह पकाएं।
मंकीपॉक्स पर केरल में एसओपी जारी
केरल में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी। इसके तहत संक्रमित और लक्षण वाले लोगों के लिए पृथक रहने, नमूने एकत्रित करने और उपचार के लिए जानकारी दी गई है।
Next Story