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मंगल के रास्ते पर 'ट्रैफिक'-टक्कर का खतरा, अमेरिकी कांग्रेस से मिली अनुमति के बाद साझा किया डाटा

Neha Dani
1 April 2021 2:09 AM GMT
मंगल के रास्ते पर ट्रैफिक-टक्कर का खतरा, अमेरिकी कांग्रेस से मिली अनुमति के बाद साझा किया डाटा
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मंगल पर मानव को बसाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसमें SpaceX जैसी निजी कंपनियां भी शामिल हैं.

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने भारत, चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ अपने वर्तमान मंगल मिशन (Mars Mission) का डाटा साझा किया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लाल ग्रह (Red Planet) पर किसी टक्कर के जोखिम से बचा जा सके. इन सभी देशों के अंतरिक्ष यान मंगल (Planet Mars) का चक्कर लगा रहे हैं. यह जानकारी बुधवार को मीडिया में आई एक रिपोर्ट में दी गई.हांगकांग आधारित 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने NASA के हवाले से अपनी खबर में लिखा है भारत, चीन, UAE और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यान भी लाल ग्रह का चक्कर लगा रहे हैं, इसलिए यानों के बीच किसी टक्कर के जोखिम को कम करने के लिए डाटा का आदान-प्रदान किया गया. NASA ने एक बयान में कहा, हमारे संबंधित अभियानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), UAE, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के साथ समन्वय कर रहा है, क्योंकि इन सभी के यान मंगल की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं.

NASA के लैंडर ने पिछले महीने की मंगल पर लैंडिंग
भारत का मंगलयान (Mangalyaan) 2014 से मंगल की कक्षा में लगातार चक्कर लगा रहा है. NASA के मौजूदा यान का लैंडर पिछले महीने मंगल पर उतरा था. लैंडिंग के बाद से इसने अपना खोज अभियान वाला कार्य शुरू कर दिया है. वहीं, चीन का यान 'तियानवेन-1' मंगल ग्रह की कक्षा में चक्कर लगा रहा है. यह मई या जून में लाल ग्रह पर उतरने की तैयारी कर रहा है. संयुक्त अरब अमीरात का यान 'होप' मंगल की कक्षा में केवल चक्कर लगा रहा है और यह वहां उतरने की कोशिश नहीं करेगा.
अमेरिकी कांग्रेस से मिली अनुमति के बाद साझा किया डाटा
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के दो यान मंगल का चक्कर लगा रहे हैं. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नासा ने चीन के साथ डाटा साझा करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति मांगी थी और चाइना नेशनल स्पेस एडमनिस्ट्रेशन से बात की जिसकी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को पुष्टि की. गौरतलब है कि दुनिया के कई मुल्क मंगल पर मानव को बसाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसमें SpaceX जैसी निजी कंपनियां भी शामिल हैं.


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