विश्व

दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर पूर्व नन का आरोप, 'शादी जैसे थे संबंध, बेटी को सपॉर्ट करें'

Deepa Sahu
22 May 2021 12:19 PM GMT
दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर पूर्व नन का आरोप, शादी जैसे थे संबंध, बेटी को सपॉर्ट करें
x
बौद्ध धर्म के धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी विवादों के घेरे में हैं।

ओटावा: बौद्ध धर्म के धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी विवादों के घेरे में हैं। एक पूर्व नन ने दावा किया है कि ओग्येन ट्रिनले दोर्जी के साथ उनके शादी जैसे संबंध रहे हैं। उन्होंने दोर्जी से बच्चे के लिए मदद और गुजारा भत्ता मांगा है। विक्की हुई शिन हान नाम की महिला ने कहा है कि वह ओग्येन से सिर्फ चार बार मिली हैं। दोर्जी को हिज होलीनेस कर्मपा लामा कहते हैं। हान दावा है कि वह 2017 में बौद्ध नन बनने की ट्रेनिंग कर रही थीं जब वह गर्मवती हो गईं।

हर घंटे खेलें क्विज और जीतें इनाम
हान का दावा है कि दोर्जी उन्हें 7 लाख डॉलर भेज चुके हैं जबकि दोर्जी ने महिला से संबंध की बात नकारी है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि महिला की बेटी के लिए वह मदद करते थे। पहले महिला ने बेटी के सपॉर्ट के लिए केस किया था और अब वह अपने सपॉर्ट की मांग भी कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट अधिकारी मास्टर ब्रूस एलवुड का कहना है कि इस केस से एक सवाल उठता है कि ऑनलाइन शुरू हुआ रिश्ता, जो असल जिंदगी में आ गया हो, क्या वह शादी जैसा होता है?
साल 1959 में चीन के खिलाफ तिब्बत में असफल आंदोलन छेड़ने वाले दलाई लामा भारत आ गए थे और यहां धर्मशाला में निर्वासित सरकार बनाई थी। उनके पीछे हजारों तिब्बती लोग भी आए। वह फिर कभी तिब्बत नहीं लौटे। पेइचिंग उन्हें अलगाववादी कहता है और अगले दलाई लामा का चुनाव खुद करना चाहता है। दलाई लामा अगले उत्तराधिकारी के भारतीय होने से लेकर महिला होने तक की संभावनाएं जता चुके हैं। CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले वक्त में दो अलग-अलग दलाई लामा भी देखने को मिल सकते हैं।
धर्मशाला के तिब्बत पॉलिसी इंस्टिट्यूट के रिसर्च फेलो तेनजिन सेतेन का कहना है कि तिब्बत के लोगों और उनकी पहचान और राष्ट्रीयता के लिए दलाई लामा एक अहम प्रतीक हैं। ये लोग चीन के बनाए दलाई लामा को स्वीकार नहीं करेंगे। मौजूदा दलाई लामा के तिब्बत लौटने से पहले अगर उनका निधन होता है, तो क्या होगा, इसे लेकर कोई नियम नहीं है। हालांकि, उन्होंने साल 2011 में कहा था- 'ऐसा इंसान जिसका दूसरा जन्म होना हो, उसका अधिकार होता है यह तय करना कि वह कब और कहां पैदा होता है।'
14वें दलाई लामा ने कहा था कि अगर वह दूसरा जन्म लेने का फैसला करते हैं, तो 15वें दलाई लामा को ढूंढने की जिम्मेदारी स्विट्जरलैंड के Gaden Phodrang Trust की होगी। इस ट्रस्ट की स्थापना उन्होंने निर्वासन के दौरान की थी ताकि तिब्बती संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके और संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा था कि वह इसे लेकर लिखित में निर्देश छोड़कर जाएंगे। हालांकि, ट्रस्ट को तिब्बत जाने की इजाजत नहीं है। दलाई लामा ने 2011 में अपने बयान में साफ किया था कि राजनीतिक मतलब के लिए चुने गए उम्मीदवार को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
दूसरी ओर, चीनी सरकार ने साफ किया है कि अगले दलाई लामा तिब्बत से होंगे और पेइचिंग के मुताबिक बनाए जाएंगे। यहां तक कि चीनी सरकार ने एक दस्तावेज जारी कर पुनर्जन्म के प्रबंधन का तरीका तक बता दिया था। इसमें यह लिखा गया था कि तिब्बत की राजनीतिक हस्तियों का पुनर्जन्म चीनी सरकार की मंजूरी पर होगा और जिनका प्रभाव ज्यादा होगा, उन्हें स्टेट काउंसिल से इजाजत लेनी होगी। सेतेन का कहना है कि चीन धार्मिक हस्तियों को खोजने, टेस्ट करने, पहचाने, शिक्षित करने और ट्रेन करने के लिए नियंत्रण रखता है। यहां तक कि उसने कई सीनियर लामा अपने खेमे में कर रखे हैं जो समय आने पर उसका साथ दें। स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
एलवुड ने ही बताया है कि दोर्जी तिब्बत से हैं लेकिन भारत में रहते हैं। दुनियाभर में उनेके अनुयायी हैं। वह पूरी दुनिया घूमते भी हैं। दोर्जी को दलाई लामा का उत्तराधिकारी माना जाता है। उन्हें 7 साल की उम्र में जब खोजा गया था तो कर्मपा लामा का अवतार माना गया था। 14 साल की उम्र में वह तिब्बत से भागकर भारत आ गए थे। एलवुड के मुताबिक हान ने जब गर्भवती होने की बात दोर्जी से कही, तो उन्होंने मिलने की जगह फोन पर बात करनी शुरू की और आर्थिक मदद भी की। हान नन बनने की ख्वाहिश छोड़कर कनाडा आ गईं और दोनों लोगों में बातचीत होती रही। एलवुड के मुताबिक टेक्स्ट पर बातचीत में दोनों ने प्यार का इजहार किया है।


Next Story