विश्व
हंगरी में बन रहे 'दलाई लामा रोड' और 'फ्री हॉन्ग कॉन्ग रोड', आखिर चीन पर इतना गुस्सा क्यों हैं लोग?
Deepa Sahu
8 Jun 2021 3:55 PM GMT
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हंगरी में बन रहे चीनी यूनिवर्सिटी के कैंपस के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।
बुडापेस्ट: हंगरी में बन रहे चीनी यूनिवर्सिटी के कैंपस के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। शनिवार को हजारों लोगों की भीड़ ने विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद भवन का घेराव किया है। लोगों के गुस्से को देखते हुए राजधानी बुडापेस्ट के मेयर ने प्रस्तावित फुडान यूनिवर्सिटी कैंपस के पास की सड़कों का नाम ही बदल दिया है। चीन के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करने के लिए इन सड़कों के नाम फ्री हॉन्ग कॉन्ग रोड, दलाई लामा रोड, उइगुर शहीद रोड और बिशप झी शिगुआंग रोड रखा गया है। इतना ही नहीं, इन सड़कों पर बाकायदा बोर्ड लगाकर चीन को भड़काने वाले नाम लिखे गए हैं।
बुडापेस्ट में हजारों लोगों ने संसद तक किया मार्च
इसी शनिवार को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हजारों लोगों ने चीन की फुडान यूनिवर्सिटी की कैंपस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद तक मार्च निकाला था। लोगों का कहना है कि चीन अपनी यूनिवर्सिटी के जरिए उनके देश में कम्युनिस्ट विचारधारा को फैलाने काम करेगा। इतना ही नहीं, इस कैंपस के बनने से हंगरी की उच्च शिक्षा के स्तर में कमी आएगी।
हंगरी की राष्ट्रवादी सरकार चीन के कर्ज से दबी
हंगरी की सरकार और चीन के बीच काफी मजबूत संबंध है। राष्ट्रवादी पार्टी होने के बावजूद निवेश के लिए हंगरी की सरकार कम्युनिस्ट विचारधारा वाले चीन को नाराज नहीं करना चाहती। लोगों के विरोध के कारण इस यूनिवर्सिटी के निर्माण का काम प्रभावित हुआ है। इस यूनिवर्सिटी के कैंपस को करीब 1.8 अरब डॉलर की लागत से बनाया जा रहा है। यह राशि पिछले साल हंगरी में शिक्षा पर खर्च किए गए कुल बजट से कई गुना ज्यादा है। लेकिन, लोगों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के कारण हंगरी की सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
विश्वविद्यालय खोल चीन की क्या है मंशा?
लोगों का दावा है कि चीन इस विश्वविद्यालय के जरिए यूरोप में कम्युनिस्ट विचारधारा को फैलाना चाहता है। विश्वविद्यालय का बुडापेस्ट परिसर 2024 तक बनकर तैयार हो जाने की बात कही गई है। योजना को हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान का समर्थन प्राप्त है। इस परिसर में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का दाखिला होगा और यह 27 देशों के यूरोपीय संघ में पहला चीनी विश्वविद्यालय परिसर होगा।
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