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दलाई लामा और बाइडेन की मुलाकात पर दिया जोर, तिब्बती मुद्दे को प्राथमिकता देने का किया आग्रह

Neha Dani
16 Dec 2021 2:22 AM GMT
दलाई लामा और बाइडेन की मुलाकात पर दिया जोर, तिब्बती मुद्दे को प्राथमिकता देने का किया आग्रह
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दल ने कहा वह चाहता है कि ताइवान के ईयू और फ्रांस से आर्थिक व सांस्कृतिक संबंध बनें।

अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के 60 से ज्यादा सांसदों ने सीनेट और हाउस को द्विदलीय पत्र लिखकर कहा है कि बाइडन प्रशासन के संभावित तिब्बत समन्वयक को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और दलाई लामा के बीच एक बैठक पर जोर देना चाहिए। पत्र में तिब्बत पर अमेरिकी कानूनों को पूरी तरह लागू करने और तिब्बत को चीन का हिस्सा कहने की प्रथा खत्म करने की बात भी लिखी।

यह पत्र अमेरिकी विदेश मंत्रालय की अवर सचिव उजरा जेया को लिखा गया है जो इस मामले में उनकी तेज रुचि का नवीनतम संकेत है। भारतीय मूल की जेया को तिब्बती मामलों के लिए विशेष समन्वयक नियुक्त किए जाने की संभावना है। सांसदों ने तिब्बत के प्रति एक अमेरिकी नीति की वकालत की है जो तिब्बती लोगों के अधिकारों, स्वायत्तता और गरिमा की रक्षा करे।
पत्र में ऐसी नीति का भी आह्वान किया गया है जो तिब्बत की विशिष्ट राजनीतिक, जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और अधिक मान्यता देती है। पत्र में लिखा गया है कि चीन सरकार ने 60 से ज्यादा वर्षों से तिब्बत पर क्रूरता के साथ कब्जा किया हुआ है। अमेरिकी वैश्विक मामलों के सरकारी संबंध निदेशक फ्रांज मैटजनर ने कहा, यह पत्र विशेष समन्वयक के लिए तिब्बत में चीनी उत्पीड़न का अहम ढांचा उपलब्ध कराने के मकसद से लिखा गया है।
दलाई लामा को यहां बुलाएं या उनसे मिलने भारत जाएं बाइडन
शीर्ष अमेरिकी सांसदों के द्विदलीय समूह ने बाइडन प्रशासन से तिब्बती मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। पत्र में 38 सीनेटरों और 27 प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। सीनेटर मार्को रुबियो के नेतृत्व में सांसदों ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन दलाई लामा को ओवल कार्यालय में भेंट के लिए आमंत्रित कर साझा हितों और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। पत्र में कहा गया कि यदि दलाई लामा यात्रा करने में असमर्थ हैं तो राष्ट्रपति को भारत में उनसे मिलने का अवसर तलाशना चाहिए या उनके स्थान पर एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि को वहां भेजना चाहिए।
अमेरिका में चीन के शिनजियांग से माल आने पर पाबंदी का बिल पास
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगरों के जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम का अंतिम संस्करण पारित कर दिया गया है। इस विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद उइगर स्वायत्त क्षेत्र में जबरन श्रम से बने सामानों के अमेरिका में आयात पर प्रतिबंध लग जाएगा। सदन ने ध्वनि मत के साथ कानून बनाया और इसे उच्च सदन में विचार के लिए भेज दिया है।
छह फ्रांसीसी सांसद ताइवान के 5 दिनी दौरे पर
फ्रांस के छह सांसदों का एक दल बुधवार को पांच दिनी दौरे के लिए ताइवान पहुंच गया है। अक्तूबर में फ्रांसीसी सांसदों के एक अन्य समूह के नेतृत्व में इसी तरह के दौरे को चीन ने रोकने की मांग की थी। मौजूदा फ्रांसीसी सांसदों का दल फ्रानोइस डी. रूगी के नेतृत्व में ताइवान पहुंचा है और यहां राष्ट्रपति साई इंग-वेन तथा अन्य वरिष्ठ अफसरों के साथ मुलाकात करेगा। दल ने कहा वह चाहता है कि ताइवान के ईयू और फ्रांस से आर्थिक व सांस्कृतिक संबंध बनें।
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