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यूएई दूतावास के बाहर अहमद कथराडा फाउंडेशन द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले आया।
दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)के बीच एक प्रत्यर्पण संधि को मंजूरी दे दी गई है। इससे भारतीय मूल के व्यवसायी गुप्ता बंधुओं को दुबई से अफ्रीकी देश में वापस आने का रास्ता साफ हो गया है, ताकि सरकारी संस्थानों से कथित तौर पर अरबों रैंड लूटने के आरोप में मुकदमा चलाया जा सके।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व न्याय मंत्री माइकल मसुथा ने 2018 में संधि पर हस्ताक्षर किए थे। प्रिटोरिया में उसके दूतावास ने एक बयान में कहा, यूएई ने मंगलवार को संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। गुप्ता बंधुओं का हवाला दिए बिना बयान में कहा गया, 'संधि दोनों देशों को आपसी कानूनी सहायता और भगोड़ों के प्रत्यर्पण के माध्यम से अपराधों की जांच और अभियोजन में एक-दूसरे की सहायता करने में सक्षम बनाएगी।'
संधि पर बातचीत 2010 में शुरू हुई थी, लेकिन कथित तौर पर पिछले तीन वर्षो में यूएई द्वारा उठाए गए मुद्दों से बाधित हुई, जिसने दक्षिण अफ्रीका को गुप्ता बंधुओं को बुक करने में सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र और इंटरपोल की ओर रुख करने के लिए मजबूर किया। अतुल, राजेश और उनके बड़े भाई अजय गुप्ता पर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ घनिष्ठ संबंध के माध्यम से राज्य और पैरास्टेटल एजेंसियों से अरबों रैंड निकालने का आरोप है, जो खुद आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। संधि का अनुसमर्थन शुक्रवार को प्रिटोरिया में यूएई दूतावास के बाहर अहमद कथराडा फाउंडेशन द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले आया।
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