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अमेरिका देश में अब साइबर अपराधों को माना जाएगा गंभीर आंतकी वारदात

Neha Dani
6 Jun 2021 10:30 AM GMT
अमेरिका देश में अब साइबर अपराधों को माना जाएगा गंभीर आंतकी वारदात
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साथ ही जवाबी हमले की भी कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका में साइबर अपराधियों ने रैंसमवेयर के जरिये महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाकर हालात गंभीर बना दिए हैं। एफबीआइ के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा है कि देश में साइबर अपराधों के कारण 9/11 हमले जैसी चुनौती सामने आ रही हैं।

अब साइबर अपराधों को गंभीर आंतकी वारदात मानते हुए उससे मुकाबले की तैयारी की जा रही है। क्रिस्टोफर रे ने वाल स्ट्रीट जनरल को बताया कि अब तक एफबीआइ की जांच में सौ तरह के रैंसमवेयर सामने आए हैं। जिनसे अमेरिका के हर क्षेत्र को तहस-नहस किए जाने की साजिश रची गईं।
इनमें से कई का संबंध सीधे रूस से था। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में पत्रकार वार्ता में कहा कि उनका प्रशासन रैंसमवेयर हमले के लिए रूस पर जवाबी कार्रवाई करने के बारे में बारीकी से अध्ययन कर रहा है। ज्ञात हो कि अमेरिका में साइबर हमलों की सरकारी संस्थान ही नहीं प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां भी शिकार हो रही हैं। रैंसमवेयर के हमले कुछ तो सरकार की जासूसी और सिस्टम को पंगु बनाने के लिए किये जा रहे हैं।
प्राइवेट सेक्टर में ये साइबर हमले रूस और चीन में बैठे संगठित गिरोह अंजाम दे रहे हैं। इन हमलों के बाद उनके द्वारा फिरौती मांगी जा रही है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले दिनों एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें साइबर हमलों को गंभीर आतंकी वारदात मानते हुए कड़े प्रविधान किए जा रहे हैं। इस आदेश के बाद सुरक्षा एजेंसियों को साइबर अपराधियों की पहचान करने से लेकर उन्हें रोकने तक की व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। साथ ही जवाबी हमले की भी कार्रवाई की जाएगी।


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