विश्व
कोविड-19 रिसर्च के लैब पर हुआ साइबर हमला, हैकरों ने कई सिस्टमों को बनाया निशाना
Rounak Dey
26 Feb 2021 11:31 AM GMT
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देश की खुफिया सेवा ने कोविड-19 वैक्सीन के बारे में जानकारी चुराने का प्रयास किया था.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) ने पुष्टि करते हुए बताया कि कोविड-19 रिसर्च (Covid-19 Research) में शामिल उसकी एक लैब पर साइबर हमला हुआ (Cyber Attack) है. फोर्ब्स की जांच में यह बात सामने आई कि हैकरों ने लैब (Lab) के कई सिस्टमों में सेंधमारी की. यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को कहा कि किसी भी क्लीनिकल रिसर्च (Clinical Research) पर 'कोई प्रभाव नहीं' पड़ा है. माना जा रहा है कि इस महीने के मध्य में हैकिंग (Hacking) हुई थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमले के पीछे कौन लोग हैं.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक बहरहाल, जिस लैब में हैकरों ने सेंधमारी की वह स्ट्रक्चरल बायोलॉजी विभाग है जिसे 'स्ट्रबी' के नाम से जाना जाता है. यह लैब सीधे तौर पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के विकास में शामिल नहीं है. लैब में वैज्ञानिक कोविड-19 सेल्स के वर्किंग सिस्टम पर रिसर्च करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने से रोकने के तरीके में शामिल रहे हैं.
नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर करेगी जांच
फोर्ब्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर हमले में प्रभावित सिस्टम में जैव रासायनिक नमूने तैयार करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें शामिल थीं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया गया है कि हमने समस्या की पहचान कर ली है और अब आगे की जांच कर रहे हैं.
साइबर हमले की जांच के लिए यूनिवर्सिटी ब्रिटेन में अधिकारियों के साथ काम कर रही है. ब्रिटिश खुफिया एजेंसी (जीसीएचक्यू) की एक ब्रांच नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) अब इस हमले की जांच करेगी. एक प्रवक्ता के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने ब्रिटेन के सूचना आयुक्त कार्यालय को इस घटना से अवगत करा दिया है. यह साइबर अटैक ऐसे समय में हुआ है जब स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में साइबर हमलों के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.
रूस पर लगाया जानकारी चुराने का आरोप
अमेरिका, ब्रिटिश और कनाडाई सुरक्षा सेवाओं ने पिछले साल आरोप लगाया था कि संभवत: रूसी खुफिया सेवाओं के हिस्से के रूप में काम कर रहा एक हैकिंग समूह कोविड-19 वैक्सीन के विकास में शामिल संगठनों को निशाना बना रहा है. ब्रिटेन में रूस के राजदूत ने तब इन दावों को खारिज कर दिया था कि उनके देश की खुफिया सेवा ने कोविड-19 वैक्सीन के बारे में जानकारी चुराने का प्रयास किया था.
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