विश्व
कुरान को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बताया संविधान, कई मुद्दों पर खुलकर की बात
Apurva Srivastav
29 April 2021 4:38 PM GMT
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सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कुरान को संविधान बताया है
सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) ने कुरान को संविधान बताया है. उन्होंने कहा है कि 'हमारा संविधान कुरान है और आगे भी रहेगा. ये शासन की बुनियादी व्यवस्था में दिखता है, सरकार, विधायिका या फिर शाह चाहे कोई भी हो, सभी कुरान का पालन करने के लिए बाध्य होते हैं.' उन्होंने ये बात नेशनल टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं (Saudi Prince on India). इस दौरान उन्होंने भारत सहित कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रखी है. भारत का नाम लेते हुए एमबीएस ने कहा कि उनका देश भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1950 के दशक में वैश्विक अर्थव्यवस्था का 50 फीसदी थी लेकिन अभी केवल 20 फीसदी है. पूरी दुनिया की तस्वीर दूसरे विश्व युद्ध के बाद बदल गई है. हम अपने बाकी रणनीतिक साझेदारों के साथ रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.' (Saudi Prince on Interview) उन्होंने विभिन्न देशों का नाम भी लिया है और कहा, 'हम मध्यपूर्व के देशों, ब्रिटेन, फ्रांस और यूरोप के अलावा रूस, चीन, भारत, अफ्रीका और लातिनी अमेरिकी देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं. ये सब सऊदी के हित में किया जा रहा है. जिससे किसी को नुकसान नहीं पहुंचेगा.'
आयकर पर क्या बोले एमबीएस?
सऊदी प्रिंस ने कहा कि आज चीन, रूस और भारत सऊदी को अपना रणनीतिक पार्टनर बता रहे हैं. बावजूद इसके हमारी (सऊदी अरब) अमेरिका के साथ भी रणनीतिक साझेदारी है. कोरोना काल में सऊदी की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है, ऐसे में कहा जा रहा है कि यहां आयकर (Income Tax in Saudi Arabia) लगाया जा सकता है. लेकिन इस तरह की अटकलों को प्रिंस ने खारिज कर दिया. हालांकि इस देश ने बीते साल वैट में काफी इजाफा किया था और उसे पांच फीसदी से बढ़ाकर सीधा 15 फीसदी कर दिया गया था. जिसे प्रिंस ने एक मुश्किल फैसला बताया है.
विदेशी निवेश बढ़ाया जाएगा
एमबीएस ने कहा कि वह सामाजिक और निजी जीवन में उन्हीं शर्तों का पालन करते हैं, जिनके बारे में कुरान में स्पष्ट रूप से कहा गया है. शरीयत के मुताबिक बिना व्याख्या के सजा भी नहीं दी जा सकती है. उन्होंने अपने विजन 2030 के पांच साल पूरे होने पर ये इंटरव्यू दिया है. सऊदी अरब की तेल पर निर्भरता कम करने और वहां विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए सऊदी की सरकारी तेल कंपनी आरामको का एक फीसदी शेयर भी बेचा जा सकता है. सऊदी के असली शासक माने जाने वाले एमबीएस (MBS on Vision 2030) ने कहा कि दो और कंपनियों के शेयर को भी बेचा जाएगा. ये सब उनके विजन 2030 का ही हिस्सा है.
बाइडेन से 90 फीसदी मुद्दों पर सहमत
अमेरिका में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से ऐसी भी अटकलें लगाई गईं कि अब अमेरिका और सऊदी के रिश्ते वैसे नहीं रहेंगे, जैसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में थे. इस मुद्दे पर भी एमबीएस ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि उन्हें जो बाइडेन से 90 फीसदी मुद्दों पर सहमित है (MBS on Relations with US). जिन मुद्दों पर सहमति नहीं है, उनपर साथ मिलकर काम किया जा रहा है. अमेरिका ने यमन में सऊदी अरब को दी जा रही मदद को रोक दिया था. क्राउन प्रिंस ने कहा, 'जैसे एक ही परिवार में सभी मुद्दों पर भाई 100 फीसदी सहमत नहीं होते हैं, ऐसा ही सरकारों में भी होता है.'
तेल पर निर्भरता कम करना उद्देश्य
उनका उद्देश्य सऊदी अरब की तेल पर निर्भरता को कम करना भी है. तेल के राजस्व पर से निर्भरता कम करने को विजन 2030 का बड़ा लक्ष्य बताया गया है, ताकि देश की बढ़ती जनसंख्या की जरूरतें पूरी की जा सकें. प्रिंस ने कहा, 'जब सऊदी अरब में तेल (Saudi Arabia Oil Reserves) की खोज हुई थी, तब यहां की जनसंख्या 20 से 30 लाख थी, जो अब बढ़कर दो करोड़ के करीब पहुंच गई है. ऐसे में केवल तेल के राजस्व से लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं किया जा सकता है.' उन्होंने ईरान के प्रति नरमी दिखाते हुए कहा कि वह ईरान से अच्छे रिश्ते चाहते हैं. ताकि दोनों देशों को इससे फायदा हो.
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