इस्लामाबाद। नकदी की समस्या से गुजर रहे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत पैकज जारी कराने को लेकर जारी वार्ता में एक रोड़ा अटक गया है। गुरुवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्ष बाहरी वित्त पोषण अनुमानों और सटीक घरेलू राजकोषीय उपायों पर बात नहीं कर पाए हैं।
डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार, पर्याप्त ऊर्जा लागत समायोजन सहित बाहरी वित्त पोषण अनुमानों और घरेलू बजटीय कदमों पर स्पष्ट योजना के साथ गुरुवार को वार्ता के निर्धारित समापन से कम से कम एक दिन पहले अधिकारियों के साथ आने वाले आईएमएफ मिशन द्वारा आर्थिक और राजकोषीय नीतियों (एमईएफपी) के एक मसौदा ज्ञापन को साझा करना चाहिए था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "बुधवार रात तक हमें एमईएफपी मसौदा नहीं मिला।
पाकिस्तान 2019 में इमरान खान सरकार के दौरान आईएमएफ के छह अरब डॉलर कार्यक्रम का हिस्सा बना था, जिसे पिछले साल बढ़ाकर सात अरब डॉलर कर दिया गया था। कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा 1.18 अरब डॉलर जारी करने के लिए आईएमएफ अधिकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच लंबित है। हालांकि वित्त और राजस्व राज्य मंत्री आएशा गौश पाशा ने कहा, हम इसे पूरा करने के बहुत करीब हैं।" उन्होंने कहा कि आईएमएफ एक बार पाकिस्तान को एमईएफपी सौंप दे, जिसके बाद सभी मुद्दों पर बात पूरी हो जाएगी। उनके अनुसार, कई बातों पर बात पूरी हो चुकी है और उन्हें उनमें से कुछ में स्पष्टता चाहिए, जिन पर सरकार के लोग काम कर रहे हैं।