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तालिबान को कूटनीतिक मान्यता के लिए सिर्फ बातें नहीं, काम चाहता है अमेरिका

Subhi
29 Aug 2021 2:56 AM GMT
तालिबान को कूटनीतिक मान्यता के लिए सिर्फ बातें नहीं, काम चाहता है अमेरिका
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अमेरिका ने कहा है कि तालिबान को कूटनीतिक रूप से मान्यता देने के लिए वह संगठन से ‘बातें नहीं, काम की’ और जताई गई प्रतिबद्धताओं पर ‘खरा उतरने’ की उम्मीद करता है।

अमेरिका ने कहा है कि तालिबान को कूटनीतिक रूप से मान्यता देने के लिए वह संगठन से 'बातें नहीं, काम की' और जताई गई प्रतिबद्धताओं पर 'खरा उतरने' की उम्मीद करता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि तालिबान ने साफ कर दिया है कि वे चाहते हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति बनी रहे। लेकिन यह 'कथनी' पर नहीं 'करनी' पर निर्भर करेगा।
प्राइस ने कहा- उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे चाहते हैं, अन्य देश अपने राजनयिक मिशनों को वहां बरकरार रखें। साथ ही कहा कि तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा था कि हम उन दूतावासों की सराहना करते हैं जो खुले हैं और बंद नहीं हुए हैं। हम उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।
प्राइस ने कहा, हम आज उनको जवाब देने के लिए तैयार नहीं हैं, खासकर इसलिए कि हमने तालिबान के कई बयान सुने हैं। इनमें से कुछ सकारात्मक रहे हैं, कुछ रचनात्मक रहे हैं, लेकिन अंतत: हम और हमारे वैश्विक साझेदार जो तलाश रहे हैं वह काम है, सिर्फ बातें नहीं।
प्राइस ने कहा, भविष्य में अफगानिस्तान में किसी भी तरह की राजनयिक मौजूदगी, तालिबान को मान्यता व सहायता के किसी भी सवाल को लेकर हम जिस बात पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं वह कही गई बातों का अनुसरण है और कर्म हैं केवल बातें नहीं होतीं उन्हें करना पड़ता है।
तालिबान के साथ मिलकर काम करना पड़ेगा
इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका तालिबान पर भरोसा कतई नहीं करता लेकिन उसके पास तालिबान के साथ काम करने के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है। प्रवक्ता जेस साकी ने कहा, हमें तालिबान के साथ मिलकर काम करना पड़ेगा।
तालिबान का अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा है जिसमें हवाईअड्डे के आसपास का इलाका भी शामिल है। इसलिए अमेरिकियों व हमारे अफगान साझेदारों को वहां से निकालने के लिए उनके साथ समन्वय करने का ही विकल्प है। अमेरिका ने अब तक 1,09,200 लोगों को 14 अगस्त के बाद से अब तक काबुल हवाईअड्डे से सुरक्षित बाहर निकाला है।
अमेरिका सबसे खराब स्थिति में है : डोनाल्ड ट्रंप
पूर्व अमेरिकीराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की अफगान नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका को जितनी बुरी स्थिति में डाला जा सकता था, वह उतनी खराब स्थिति में है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को एक इंटरव्यू में कहा, हम जितनी बुरी स्थिति में हो सकते थे, उतनी ही खराब हालत में हैं। यह ऐसी स्थिति है कि जिसकी किसी ने दो सप्ताह पहले भी कल्पना नहीं की थी। किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है और हम ऐसी स्थिति में होंगे जहां तालिबान और बाकी लोग हमें निर्देश दे रहे होंगे और हमसे कहेंगे कि 31 अगस्त को निकल जाओ।

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