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क्रिकेट क्लब ने हमास के हमलों के बाद भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को दिया शरण

Neha Dani
17 May 2021 10:55 AM GMT
क्रिकेट क्लब ने हमास के हमलों के बाद भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को दिया शरण
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इससे उन्हें विपत्ति के मौजूदा हालात से ध्यान हटाने में मदद मिल सकती है।’’

इजराइल के दक्षिणी शहर बीरशेबा के एक क्रिकेट क्लब ने बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के अनेक भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को बचाने के लिए पहल की है जो पिछले एक सप्ताह से हमास के हमलों के बाद उचित आश्रय की तलाश में है।

विश्वविद्यालय के पास स्थित बीरशेबा क्रिकेट क्लब की इमारत के दरवाजे स्थानीय निवासियों के लिए खोल दिये गये हैं। फलस्तीनी उग्रवादियों द्वारा इजराइल के दक्षिणी इलाकों में हमले शुरू किये जाने के बाद यह पहल की गयी और इसी क्रम में भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को भी सुरक्षित पनाह दी गयी।
बीरशेबा क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष नाओर गुडकर ने कहा, ''कुछ भारतीय अनुसंधानकर्ता क्रिकेट क्लब के लिए खेलते भी हैं और हमारे परिवार के सदस्यों की तरह हैं। हमने उन्हें बताया कि कोई भी सुरक्षित आश्रय चाह रहा हो तो हमारे क्लब में उसका स्वागत है।''
उन्होंने कहा, ''पिछले सप्ताह हमारे साथ अनेक भारतीय अनुसंधानकर्ता रहे जिनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। हमने उन्हें यथासंभव मदद मुहैया कराकर उनके लिए परिस्थितियों को सुगम बनाने का प्रयास किया।''
नाओर ने कहा, ''उनमें से कुछ को सुरक्षा नियमों की पूरी तरह जानकारी नहीं है और मैंने तथा मेरे साथियों ने उन्हें सुरक्षित रहने के लिए अपनाई जाने वाली सभी तरह की सतर्कता के बारे में बताया।''
क्लब में शरण लेने वाले शोधकर्ताओं में विराज भिंगरदिवे, हिना खांड, शशांक शेखर, रुद्राकू सेनगुप्ता और बिष्णु खांड शामिल हैं।
इनमें से अधिकतर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''हम यहां यह जानते हुए आराम कर सकते हैं कि हम सुरक्षित हैं। पिछले सोमवार से एक भी रात शांतिपूर्ण नहीं रही।''
विश्वविद्यालय में शोधार्थी छात्र अंकित चौहान ने कहा, ''क्लब ने न केवल भारतीय छात्रों को सुरक्षित महसूस कराया है बल्कि एक तरह से उन्हें प्रोत्साहित किया है। उन्हें नाश्ता, चाय और कॉफी दी जा रही है और वे जिम तथा मनोरंजन के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उन्हें विपत्ति के मौजूदा हालात से ध्यान हटाने में मदद मिल सकती है।''


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