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कोर्ट ने फैसला पलटा, मुस्लिम महिलाओं को नहीं मिलेगी बुर्किनी पहनने की आजादी

Gulabi Jagat
23 Jun 2022 7:47 AM GMT
कोर्ट ने फैसला पलटा, मुस्लिम महिलाओं को नहीं मिलेगी बुर्किनी पहनने की आजादी
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कोर्ट ने फैसला पलटा
पेरिस. फ्रांस (france) में मुस्लिम महिलाओं के द्वारा स्विमिंग पूल में पहनी जाने वाली बुर्किनी पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. फ्रांसीसी अदालत ने उस नियम को पलट दिया जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बुर्किनी (Burkini) पहनने की अनुमति दी गई थी. जिसके बाद से अब मुस्लिम महिलाएं सार्वजनिक पूल में बुर्किनी नहीं पहन सकेंगी. इससे पहले फ्रांस के ग्रेनोबल के मेयर ने कुछ दिन पहले मुस्लिम महिलाओं को बुर्किनी पहनने की मंजूरी दी थी. मुस्लिम महिलाएं पूल में बुर्किनी पहनती हैं जो एक तरह का स्विमसूट है.
कुछ मुस्लिम महिलाओं के तैराकी के दौरान अपने शरीर और बालों को ढंकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ऑल-इन-वन स्विमसूट फ्रांस में एक विवादास्पद मुद्दा है, जहां आलोचक इसे रेंगते इस्लामीकरण के प्रतीक के रूप में देखते हैं.
फ्रांस में बीते कई सालों से बुर्के को लेकर बहस होती रही है. यहां तक की साल 2011 में सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं द्वारा पूरे चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. फ्रांस पहला यूरोपीय देश बना था जिसने बुर्के पर प्रतिबंध लगाया था. ये प्रतिबंध तत्कालीन राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने लागू किया था. तत्कालीन राष्ट्रपति का कहना था कि हिजाब या बुर्का महिलाओं के साथ अत्याचार है.
इसके बाद 16 मई 2022 को ग्रेनोबल शहर के मेयर ने आदेश दिया था कि मुस्लिम महिलाएं पूल में बुर्किनी पहन सकती हैं. उस समय मेयर पियोल ने फ्रांस के रेडियो RMC पर कहा था- हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि महिलाएं और पुरुष अपनी मर्जी से कपड़े पहन सकें. 'बुर्किनी' मुस्लिम महिलाओं के लिए डिज़ाइन किया गया एक ऐसा स्विमसूट होता है जिसमें केवल चेहरे, हाथ और पैर दिखाई देते हैं बाकी हिस्सा ढका होता है. अब इसी फैसले को फ्रांस के शीर्ष अदालत ने पलट दिया है.
मेयर का फैसला सेक्यूलरिजम को कमजोर करता है
कोर्ट का फैसला आने के बाद गेराल्ड डारमैनिन ने कहा- ग्रेनोबल शहर के मेयर का बुर्किनी पहनने की छूट देने वाला फैसला सेक्यूलरिजम को कमजोर करने वाला था. कोर्ट ने जो फैसला लिया है वो 2021 में लाए गए अलगाववाद कानून पर आधारित था. 16 मई को भी डारमैनिन ने मेयर के फैसले को फ्रांस के सेक्युलिरज्म के उलट बताया था. साथ ही कहा थी कि वो इसे कोर्ट में चैलेंज करेंगे.
क्या है अलगाववाद कानून ?
इस कानून के तहत सरकार लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के फैसलों को चुनौती दे सकती है. दरअसल, फ्रांस में सेक्यूलरिज्म को लेकर बहुत सख्त कानून हैं. अगर इनके खिलाफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन या राज्य सरकारें कोई नियम बनाती हैं तो केंद्र सरकार इसे कोर्ट में चैलेंज करती है और कोर्ट इन नियमों को रद्द कर देते हैं. ग्रेनोबल में बुर्किनी को लेकर मेयर का फैसला इसी कानून के तहत पलटा गया.
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