कपल के साथ धोखा: IVF क्लिनिक की गलती से महिला ने किसी और के बच्चे को दिया जन्म, अब पहुंची कोर्ट
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अमेरिका की कैलीफोर्निया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर IVF क्लिनिक की गलती की वजह से महिला ने किसी दूसरे के बच्चे को जन्म दिया. कैलीफोर्निया में रहने वाले इस दंपति ने अब क्लिनिक के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा फाइल किया है. बता दें, कपल ने सितंबर 2019 ने एक लड़की को जन्म दिया था. जो उनकी तरह नहीं दिखती थी. DNA टेस्ट कराने के बाद जब उन्हें इस सच्चाई का पता चला. इसके बाद कपल ने उस दंपति को ढूंढा जिनसे IVF की अदला- बदली हुई थी. IVF बदलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. आईवीएफ ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत महिला के 10 से 15 अंडे बनाए जाते हैं और फिर उसे बाहर निकालकर पुरुष के वीर्य के साथ मिलाकर उनका फर्टिलाइजेशन किया जाता है. जिसके बाद एक सही समय पर उसे महिला के यूटरस में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
पीड़ित कपल ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया
पीड़ित कपल ने क्लिनिक पर लापरवाही और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कपल का कहना है इस मामले की सच्चाई के सामने आने के बाद से वो भावनात्मक तौर पर बुरी तरह से टूट चुके थे. उनके इस दुख को किसी भी हाल में कम नहीं आंका जा सकता है. हमारा जैविक बच्चा किसी और को दिया गया और जिस बच्चे को हमने इस दुनिया में लाने के लिए संघर्ष किया वह हमारा नहीं था. यह बेहद ही दर्दनाक अहसास है. दंपति ने 2018 की गर्मियों में फर्टिलिटी क्लिनिक से मदद मांगी थी और साल 2019 में उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया था. मुकदमे में कहा गया है कि प्रसव कक्ष में महिला ने अपने बच्चे की उम्मीद की थी, लेकिन वो यह देखकर हैरान रह गई जब बच्ची काफी गहरे रंग की त्वचा के साथ आई. ये बेहद ही परेशान करने वाला था. फिर परिवार ने डीएनए कराने का सोचा और सच्चई सामने आ गई.
CCRH ने कैलिफोर्निया के उस दंपति को खोजने में मदद की, जिन्होंने उनकी बेटी को जन्म दिया था. जब वो पहली बार मिले तो इस कपल की असली बेटी लगभग चार महीने की हो चुकी थी. कई बैठकों के बाद दोनों जोड़ों ने औपचारिक रूप से बच्चों के आदान-प्रदान की कानूनी प्रक्रिया पूरी की.