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आज सुबह तक श्रीलंका में देशव्यापी कर्फ्यू, राजनीतिक समाधान निकालें नेता- सेना प्रमुख

Renuka Sahu
14 July 2022 1:15 AM GMT
Countrywide curfew in Sri Lanka till this morning, leaders find a political solution: Army Chief
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फाइल फोटो 

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा दिए बिना ही बुधवार तड़के मालदीव भाग गए।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा दिए बिना ही बुधवार तड़के मालदीव भाग गए। उन्होंने मालदीव से ही प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति भी नियुक्त कर दिया। इससे गोटाबाया के त्यागपत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे श्रीलंकावासी और भड़क गए। अब तक राष्ट्रपति आवास पर कब्जा जमाए बैठे प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के कार्यालय और आवास पर धावा बोल दिया और विक्रमसिंघे के इस्तीफे तक वहां से हटने से मना कर दिया। हालात को काबू में करने के लिए विक्रमसिंघे ने गुरुवार सुबह तक देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही स्पीकर से सभी दलों को स्वीकार नेता को प्रधानमंत्री नामित करने को कहा है।

राष्ट्रपति गोटाबाया द्वारा विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त करने की घोषणा स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने की। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति गोटाबाया ने उनसे बातचीत में वादे के मुताबिक आज (बुधवार) ही अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि नए राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा। विक्रमसिंघे ने बुधवार को स्पीकर अभयवर्धने से कहा कि वह ऐसे नेता को प्रधानमंत्री नामित करें जो सरकार के साथ ही विपक्ष को भी स्वीकार हो। उनके दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है कि सर्वदलीय सरकार बनने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री अपना पद छोड़ देंगे।
गुरुवार सुबह तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा
राजनीतिक दलों पर प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का आरोप कार्यवाहक राष्ट्रपति बनने के बाद टेलीविजन पर प्रसारित एक विशेष बयान में विक्रमसिंघे ने कुछ राजनीतिक दलों पर प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा फासीवादी सरकार पर कब्जा जमाना चाहते हैं। संविधान को ध्वस्त करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे और इसीलिए उन्होंने देश में आपातकाल और गुरुवार सुबह तक के लिए कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है।
हालांकि, रायटर के अनुसार कुछ देर बाद आपातकाल की घोषणा वापस ले ली गई और पूरे देश में कर्फ्यू गुरुवार सुबह तक के लिए बढ़ा दिया गया। पुलिस और सैन्य बलों को कार्रवाई करने का आदेशविक्रमसिंघे ने देश में हालात सामान्य बनाने के लिए पुलिस और सैन्य बलों को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है। तीनों सेना के प्रमुखों को मिलाकर एक समिति भी गठित की है। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचने और उनके आवास समेत सेना प्रमुखों के घरों की घेराबंदी खत्म कराने को कहा है। प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने भी आदेश दिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय टीवी चैनल रूपवाहिनी की इमारत पर धावा बोला। इसके चलते चैनल का प्रसारण कुछ देर ठप रहा।
राजनीतिक समाधान निकालें नेता : सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल शवेंद्र सिल्वा ने स्पीकर से मौजूदा संकट का राजनीतिक समाधान निकालने का आग्रह करते हुए कहा है कि सुरक्षा बल संविधान के अनुसार काम करेंगे। उन्होंने आम लोगों से भी कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है। पूर्व सेना प्रमुख सरथ फोनसेका ने सैन्य बलों से कार्यवाहक राष्ट्रपति के आदेश नहीं मानने को कहा है। सरकार के अनुरोध पर वायुसेना ने मुहैया कराया विमान वायुसेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि सरकार के अनुरोध, संविधान में राष्ट्रपति को मिले अधिकारों और रक्षा मंत्रालय की मंजूरी से वायुसेना की तरफ से राष्ट्रपति को विमान मुहैया कराया गया। इससे राष्ट्रपति गोटाबाया अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ बुधवार तड़के मालदीव चले गए।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने गोटाबाया की मदद की
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और संसद के मौजूदा स्पीकर मोहम्मद नशीद ने गोटाबाया की मदद की। सूत्रों के मुताबिक शुरू में मालदीव के नागरिक उड्डयन विभाग ने श्रीलंका के सैन्य विमान को उतरने की अनुमति देने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में नशीद के हस्तक्षेप पर उन्हें आने दिया गया। चूंकि वह अभी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं, इसलिए एयरपोर्ट पर सरकारी प्रतिनिधि ने उनकी आगवानी की और उन्हें सुरक्षा के बीच अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। मालदीव के टीवी चैनलों के मुताबिक गोटाबाया के साथ 13 लोग हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि गोटाबाया सिंगापुर जाएंगे और वहां पहुंचने के बाद ही अपना इस्तीफा भेजेंगे।


विपक्षी दलों का विक्रमसिंघे पर निशाना पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन ने चेतावनी दी कि सत्ता पर कब्जा बनाए रखने वाला समूह देश को बर्बाद कर रहा है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को जनादेश नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इनके आदेशों को लागू करने वालों को भी इसके बारे सोचना चाहिए। संसद में नेता प्रतिपक्ष साजिथ प्रेमदासा ने ट्वीट कर कहा कि इकलौता सांसद वाली पार्टी का सांसद पीएम बना और अब उसे ही कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया गया। यह राजपक्षे का लोकतंत्र है।


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