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भारत और अफ्रीका के देश मिलकर बनाएंगे एक महाद्वीप और हिमालय जैसा पहाड़ 'सोमालया'

Neha Dani
9 Jan 2022 8:22 AM GMT
भारत और अफ्रीका के देश मिलकर बनाएंगे एक महाद्वीप और हिमालय जैसा पहाड़ सोमालया
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महाद्वीप हमेशा के लिए नहीं होता है और भारत भी 9 करोड़ साल पहले मेडागास्‍कर से अलग हुआ था।

भारत और अफ्रीकी देशों के बीच विशाल हिंद महासागर दोनों को अलग करता है। भारत और अफ्रीकी देशों के बीच दूरी भी हजारों किलोमीटर के करीब है। एक ताजा शोध में कहा गया है कि अगले करीब 20 करोड़ साल में पूर्वी अफ्रीकी देशों जैसे सोमालिया, केन्‍या, तंजानिया, मोजांबिक, मेडागास्‍कर और भारत के बीच टक्‍कर होगी। इससे आधुनिक भारत के पश्चिमी तट एक विशाल पर्वत श्रेणी का निर्माण होगा। इस पर्वत श्रेणी का नाम हिमालय की तरह से 'सोमालया' होगा।

अमेरिकन जर्नल ऑफ साइंसेज में प्रकाशित इस ताजा शोध में यह जानकारी दी गई है। इस शोध को करने वाले उटरेच यूनिवर्सिटी के भूगर्भ वैज्ञानिक प्रोफेसर दोउवे वान हिंबेर्गेन ने इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा कि अब हमारे पास इस बात का जवाब है कि भविष्‍य में पहाड़ों और महाद्वीपों का कैसा रूप होगा। डॉक्‍टर वान ने कहा, 'मैंने भूतकाल का फिर से निर्माण किया है। इसमें पाया गया है कि एक महाद्वीप भूमध्‍यसागर में गायब हो गया और दूसरा महाद्वीप दक्षिण पूर्व एशिया में गायब हो गया। हमें इंडोनेशिया के पास इस महाद्वीप के साक्ष्‍य मिले हैं।'
मुंबई शहर होगा सोमालया पर्वत श्रेणी के शुरुआत का स्‍थल
डॉक्‍टर वान ने कहा कि हमने कभी भविष्‍य को लेकर अनुमान नहीं लगाया लेकिन यह सवाल मेरे जेहन में आता था और मैं अपने छात्रों से पूछता था। अब करीब दो साल बाद हमारे पास एक जवाब है। शोध टीम ने पाया कि सेशेल्‍स और मारिशस द्वीप भारत के पास चले जाएंगे वहीं भारत का मुंबई शहर सोमालया पर्वत श्रेणी के शुरुआत का स्‍थल हो जाएगा। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे अभी नई दिल्‍ली हिमालय का है।
उन्‍होंने कहा, 'दक्षिण-पश्चिम भारत में त्रिवेंद्रम से लेकर कराची तक आपको एक दबाव देखने को मिलेगा। सोमालिया समेत पूर्वी अफ्रीकी क्षेत्र भारत के दक्षिण- पश्चिमी इलाके पर चढ़ जाएगा या उसे दबा देगा। इससे एक विशाल पहाड़ी क्षेत्र का निर्माण होगा।' एक अन्‍य शोधकर्ता टॉमस ने बताया कि हमारे शोध में पता चला है कि अफ्रीकी महाद्वीप में आ रही दरार और पूर्वी अफ्री झीलें अफ्रीका को दो भाग में बांट देंगी। आने वाले 20 करोड़ सालों में एक समुद्र का निर्माण होगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि कोई भी महाद्वीप हमेशा के लिए नहीं होता है और भारत भी 9 करोड़ साल पहले मेडागास्‍कर से अलग हुआ था।

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