तो अब यूक्रेन पर रूसी हमले का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। काउंटडाउन इसलिए क्योंकि खुद यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोमवार को कहा था कि 16 फरवरी को रूस यूक्रेन पर हमला करेगा। व्लादिमीर जेलेंस्की ने यह भी कहा था कि यूक्रेन इस तारीख को यूक्रेन एकता दिवस के रूप में मनाएगा। इतना ही नहीं अमेरिकी रक्षा सूत्रों ने भी दावा किया है कि रूस तड़के तीन बजे यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी सेना बुधवार को स्थानीय समयानुसार तड़के 3 बजे व्लादिमीर पुतिन की घोषणा के बाद साढ़े 5 बजे कई मोर्चों पर यूक्रेन पर आक्रमण शुरू कर देगा। भारतीय समयानुसार, युद्ध का ऐलान रात साढ़े 12 बजे होगा। जबकि देर रात ढाई बजे रूस यूक्रेन के हिस्सों पर हमला बोल देगा। कहा जा रहा है कि खुदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस हमले का ऐलान कर देंगे।
हालांकि, यूक्रेन पर हमले की बड़ी आशंका के बीच रूसी राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि रूस विश्वास-बहाली उपायों पर अमेरिका, नाटो के साथ चर्चा के लिए तैयार है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि 'क्या हम यह चाहते हैं, बिल्कुल नहीं। इसलिए हमने बातचीत का रास्ता सुझाया है, इसमें हमारे देश और सभी के लिए बराबर सुरक्षा की गारंटी शामिल है।' रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मिसाइल तैनाती की सीमा एवं सैन्य पारदर्शिता पर अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ वार्ता के लिए मास्को तैयार है।
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वार्ता के बाद पुतिन ने कहा कि अमेरिका और नाटो ने यूक्रेन तथा पूर्व सोवियत संघ में शामिल रहे देशों को नाटो के बाहर रखने की मांग, रूसी सीमाओं के पास हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्व यूरोप से नाटो के सैनिकों को वापस बुलाने की रूस की मांग खारिज कर दी है। हालांकि, वे कई सुरक्षा उपायों पर चर्चा करने के लिए तैयार हुए, जिनका रूस ने पूर्व में प्रस्ताव किया था।
पुतिन ने कहा कि यूरोप में मध्यम दूरी की मिसाइल की तैनाती की सीमाओं, सैन्य अभ्यास की पारदर्शिता और अन्य विश्वास बहाली उपायों पर वार्ता करने के लिए रूस तैयार है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पश्चिमी देशों को रूस की मुख्य चिंताओं को सुनने की जरूरत है। रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा सैन्य अभ्यास से सैनिकों को आंशिक रूप से वापस बुलाये जाने की घोषणा के बाद यह बयान आया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय की इस घोषणा से यह उम्मीद जगी है कि मास्को यूक्रेन पर हमला करने की दिशा में आगे नहीं बढ़ सकता है। रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण की किसी योजना से इनकार किया है। बहरहाल इस बातचीत के बावजूद अभी दुनिया की निगाहें यूक्रेन बॉर्डर पर टिकी हुई हैं। यूक्रेन से लेकर अमेरिका और NATO देशों को डर सता रहा है कि पुतिन कभी भी हमला कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन देशों को पुतिन पर भरोसा नहीं है।