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चांद और धरती की हो सकती है टक्कर? जानें चौंकाने वाली बात

Gulabi
8 Feb 2022 4:50 PM GMT
चांद और धरती की हो सकती है टक्कर? जानें चौंकाने वाली बात
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क्या चांद को उसकी जगह से हटाया जा सकता है? अगर चांद अपने स्थान से हटकर धरती के पास आ जाए या उससे दूर चला जाए
क्या चांद को उसकी जगह से हटाया जा सकता है? अगर चांद अपने स्थान से हटकर धरती के पास आ जाए या उससे दूर चला जाए, तो इसका क्या असर होगा? आइए जानते हैं। चांद पथरीला है और इसके चारों तरफ बेहद पतली गैसों (एक्सोस्फेयर) की परते हैं। चांद का निर्माण धरती के साथ ही हुआ था। इस परिभाषा को पूरी दुनिया मानती है। नासा ने बताया है कि जब धरती बन रही थी, तो उससे एक थीया नामक प्रोटोप्लैनेट की टक्कर हुई थी जिसके बाद चांद अलग हो गया और धरती के पास ही अपना बसेरा बना लिया।
एक दूसरी थ्योरी के मुताबिक, दो अन्य अंतरिक्षीय वस्तुओं की टक्कर से धरती और चांद का निर्माण हुआ है। आपस में टकराने वालीं दोनों वस्तुएं मंगल ग्रह से आकार में पांच गुना ज्यादा बड़ी थीं। इस बात को भी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मानती है। धरती से लगभग 3.85 लाख किमी की दूरी पर चांद स्थित है। धरती के आकार का एक चौथाई चांद है। चांद की सतह पर चारों तरफ गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। चांद पर इनका निर्माण एस्टेरॉयड्स और उल्कपिंड़ों की टक्कर के बाद हुआ है। इनमें से अधिकतर गड्ढों का निर्माण करोड़ों साल पहले हुआ था। हालांकि पृथ्वी और चांद पर एस्टेरॉयड्स और उल्कापिंडों में टकराव कम होता है।
कैलिफोर्निया में नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में सेंटर फॉर नीयर अर्थ ऑबजेक्ट स्टडीज (CNEOS) धरती के आसपास घूमने और गुजरने वाले एस्टेरॉयड्स और धूमकेतुओं पर नजर रखता है। इस संस्था के द्वारा तय किया जाता है कि पृथ्वी के लिए कौन सा एस्टेरॉयड या धूमकेतु खतरनाक है। इस संस्था ने धरती के 19.45 करोड़ किमी की रेंज में घूमने वाले 28 हजार नीयर अर्थ ऑबजेक्ट्स का पता लगाया है। इस संस्था के मैनेजर पॉल चोडस का कहना है कि नीयर अर्थ ऑब्जेक्टस की टक्कर होगी या नहीं इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने अुनमान जताया है कि चांद और धरती की टक्कर कभी भी नहीं होगी।
पॉल ने धरती और चांद की टक्कर न होने की वजह भी बताई है। उनका कहना है कि धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी ज्यादा है इसलिए धरती और चांद की टक्कर नहीं हो सकती है। गुरुत्वाकर्षण शक्ति कई बार धक्का भी दे सकती है। इसमें सिर्फ खिंचाव हीं नही होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खींचने की शक्ति होती तो बहुत पहले चांद धरती से टकरा गया होता। उन्होंने कहा कि चांद के आकार का एस्टेरॉयड अगर चांद से टकराता है, तभी वह अपनी जगह से हिलेगा।
उन्होंने बताया है कि चांद को एक जगह से दूसरी जगह खिसकाना और धरती की तरफ लाना बहुत कठिन है। सिर्फ किसी तेज गति से एस्टेरॉयड की टक्कर के बाद ही ऐसा हो सकता है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इतनी खतरनाक टक्कर के बाद चांद टुकड़ों में बंट जाएगा। इसके बाद भी यह नहीं कहा जा सकता है कि चांद की टक्कर धरती से होगी। उसका कुछ हिस्सा धरती की तरफ आ सकता है। कुछ हजारों साल तो ऐसा नहीं होने वाला है।
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