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राष्ट्रपति जो बाइडेन को दी गई कोरोना के ऑरिजन की खुफिया रिपोर्ट, जानिए किसके खिलाफ मिला सबूत?

Neha Dani
26 Aug 2021 10:54 AM GMT
राष्ट्रपति जो बाइडेन को दी गई कोरोना के ऑरिजन की खुफिया रिपोर्ट, जानिए किसके खिलाफ मिला सबूत?
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी जनवरी में वायरस के ऑरिजन को लेकर जांच की, मगर ये भी वायरस के ऑरिजन का पता नहीं लगा पाया.

कोविड-19 के ऑरिजन (Covid-19) को लेकर एक क्लासिफाइड अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट व्हाइट हाउस (White House) में राष्ट्रपति जो बाइडेन को दिया गया है. हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर कहा गया है कि ये नतीजे पर नहीं पहुंची है, क्योंकि चीन (China) की तरफ से जानकारी कम दी गई है. मामले की जानकारी रखने वाले दो अमेरिकी अधिकारियों ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने 90 दिन पहले इस रिपोर्ट को तैयार का आदेश दिया था. इसमें इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई कि वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा या फिर ये वुहान लैब (Wuhan Lab) से लीक हुआ.

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस रिपोर्ट को आने वाले समय में सभी के लिए जारी कर दिया जाएगा. दुनियाभर में 40 लाख लोगों की जान लेने वाले वायरस के ऑरिजन को लेकर काफी बहस हुई है. बाइडेन ने जब जांच का आदेश दिया था, उस समय उन्होंने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां दो संभावित स्थितियों को लेकर बंटे हुई थीं. इसमें एक ये कि कोरोनावायरस जानवरों से फैला और दूसरा ये कि वुहान लैब से लीक होने के बाद वायरस दुनिया में सामने आया. वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ लेबोरेटरी उसी वुहान शहर में स्थित है, जहां पर कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था.
ट्रंप प्रशासन ने चीन पर लगाया था वायरस फैलाने का आरोप
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके सहयोगियों ने वायरस को लेकर चीन पर सवालिया निशान खड़ा किया. उनका कहना था कि ये वायरस चीन की लापरवाही की वजह से वुहान लैब से बाहर आया. हालांकि, चीन ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया. दूसरी ओर, ट्रंप प्रशासन की कोरोना से ठीक तरह से नहीं निपटने को लेकर आलोचना हुई थी. अधिकारियों ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि बाइडेन के निर्देश के बावजूद खुफिया एजेंसियां वायरस के ऑरिजन को सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाए. 90 दिनों तक इस रिपोर्ट पर काम करने के बाद भी वे किसी सहमित पर नहीं पहुंच पाए हैं.
चीन के डेटा के बिना वायरस के ऑरिजन का पता लगाना मुश्किल
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा ठोस सबूत तक नहीं पहुंचने की वजह चीन द्वारा इस मामले पर विस्तारित जानकारी नहीं देना है. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जर्नल को बताया कि यदि चीन कुछ डेटा सेट तक पहुंच नहीं देने जा रहा है, तो आप वास्तव में कभी नहीं जान पाएंगे कि वायरस कैसे सामने आया. बीजिंग ने कोविड ऑरिजन का पता लगाने के लिए फिर से जांच करने की मांग को लेकर अमेरिका और अन्य देशों की आलोचना की है. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी जनवरी में वायरस के ऑरिजन को लेकर जांच की, मगर ये भी वायरस के ऑरिजन का पता नहीं लगा पाया.


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