कोरोना वायरस के एक के बाद एक नए वेरिएंट आते जा रहे हैं. डेल्टा और ओमिक्रॉन के बाद अब नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन (Deltacron) आ गया है. ये डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना एक हाइब्रिड स्ट्रेन है. ब्रिटेन से डेल्टाक्रॉन के कुछ मामले सामने आए हैं, जिसने एक बार फिर से हेल्थ एक्सपर्ट्स और लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, यूके की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) का कहना है कि वे अभी इसके बारे में चिंतित नहीं हैं क्योंकि इसके मामले कम हैं.
ब्रिटेन से सामने आ रहे हैं डेल्टाक्रॉन के केस
जानकारी के मुताबिक, UKHSA के एक्सपर्ट्स ये भी नहीं जानते हैं कि कोरोना का ये नया वेरिएंट कितना संक्रामक या गंभीर है. उन्हें फिलहाल ये भी नहीं पता है कि इसके लक्षण क्या हैं और वैक्सीन इसके खिलाफ कितने असरदार है. हालांकि, संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर पॉल हंटर ने डेली मेल के हवाले से कहा कि इससे बहुत ज्यादा खतरा पैदा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यूके में डेल्टा और ओमिक्रॉन के खिलाफ एंटीबॉडीज मौजूद हैं.
एक्सपर्ट्स की माने तो ये एक सुपर सुपर-म्यूटेंट वायरस, जिसका वैज्ञानिक नाम BA.1 + B.1.617.2 है. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना एक हाइब्रिड स्ट्रेन है, जिसे सबसे पहले साइप्रस के रिसर्चर्स ने पिछले महीने खोजा था। उस समय तो वैज्ञानिकों ने इसे लैब में हुई एक तकनीकी गलती समझा था. लेकिन अब इसके ब्रिटेन में केस सामने आ रहे हैं.
WHO ने डेल्टाक्रॉन पर क्या कहा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया था कि किसी व्यक्ति के लिए SARS-CoV-2 के विभिन्न वेरिएंट से संक्रमित होना संभव है. इसके कई उदाहरण हैं. लोग इस महामारी के दौरान इन्फ्लूएंजा और कोविड -19 दोनों से संक्रमित थे. डब्ल्यूएचओ की मारिया वान केरखोव ने पिछले महीने ट्वीट किया था कि 'डेल्टाक्रॉन जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें. ये शब्द वायरस / वैरिएंट के संयोजन का संकेत देते हैं और ऐसा नहीं हो रहा है.'