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ब्रिटेन में बरपा रहा कोरोना का 'भारतीय वैरिएंट' बी1.617.2, एक हफ्ते में मिले इतने मामले

Gulabi
14 May 2021 2:16 PM GMT
ब्रिटेन में बरपा रहा कोरोना का भारतीय वैरिएंट बी1.617.2, एक हफ्ते में मिले इतने मामले
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भारतीय वैरिएंट

कोविड-19 के बी1.617.2 स्वरूप (B1.617.2 Variant) के मामलों की संख्या ब्रिटेन (Britain) में एक हफ्ते के भीतर दोगुनी हो गई है. इसके मद्देनजर देश के जिन हिस्सों में वायरस (Virus) का यह स्वरूप तेजी से फैलने लगा है, वहां जांच और टीकाकरण (Vaccination) में तेजी लाई जा रही है. कोविड-19 के बी1.617.2 स्वरूप की सबसे पहले भारत में पहचान की गई थी.


पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने गुरुवार को कहा कि उसके ताजा विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप से पिछले सप्ताह 520 लोग संक्रमित हुए थे. यह संख्या इस सप्ताह बढ़कर 1313 हो गई. ज्यादातर मामले उत्तर पश्चिम इंग्लैंड और लंदन में पाए गए हैं और संक्रमण की इस कड़ी को तेजी से तोड़ने के लिये अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं.


महाराष्ट्र में सामने आया था पहला मामला
कोविड-19 वायरस का यह स्वरूप सबसे पहले महाराष्ट्र में मिला था. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी बेहद सावधानी से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं तथा अगर जरूरत पड़ी तो और कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे. उन्होंने संकेत दिया कि सभी लॉकडाउन कदमों को हटाने की रूपरेखा का 21 जून को फिर से आकलन किया जा सकता है.

हैनकॉक ने कहा कि आंकड़े दर्शाते हैं कि क्यों हमने त्वरित और निर्णायक कदम उठाए हैं. वायरस के इस स्वरूप पर नियंत्रण के लिए सबको भूमिका निभानी है. इसमें जांच कराना, नियमों का पालन करना और टीका लेना शामिल है.

अलग-अलग कंपनी के टीके लगवाना सुरक्षित
बीते दिनों ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए तैयार दो तरह के टीकों की खुराक को मिलाना सुरक्षित है लेकिन इससे हल्के से मध्यम स्तर के लक्षण उभरने की आशंका बढ़ जाती है. मेडिकल जर्नल 'लांसेट' में बुधवार को प्रकाशित रिपार्ट के मुताबिक अनुसंधान टीम ने कहा कि दो तरह के टीकों को मिलाने से अल्पकालिक लक्षण आते हैं लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंता की कोई बात नहीं है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने कॉम-कोव नाम से अध्ययन यह जानने के लिए किया कि फाइजर/बायोनटेक का टीका लगाने के बाद ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की दूसरी खुराक (इसी प्रकार एस्ट्राजेनेका के बाद फाइजर का टीका लगाने पर) पर प्रतिरक्षण प्रणाली (Immune System) कैसे प्रक्रिया करती है.


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