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चीन में फिर कोरोना वायरस का कहर, तीन दिन में बनेगा तीन हजार बेड का 'अस्‍पताल'

Neha Dani
15 Jan 2021 11:14 AM GMT
चीन में फिर कोरोना वायरस का कहर, तीन दिन में बनेगा तीन हजार बेड का अस्‍पताल
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कोरोना वायरस के गढ़ रहे चीन में एक बार फिर से बहुत तेजी से कोविड-19 का कहर बढ़ने लगा है।

कोरोना वायरस के गढ़ रहे चीन में एक बार फिर से बहुत तेजी से कोविड-19 का कहर बढ़ने लगा है। चीन ने ऐलान किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित 1,000 से ज्यादा लोगों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। देश के उत्तरी भाग में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बार कोरोना का नया गढ़ हेबेई प्रांत बना है और वहां कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए चीन तीन दिन में तीन हजार लोगों के लिए क्‍वारंटाइन सेंटर बनाने में जुट गया है।

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को कहा कि संक्रमित 1001 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से 26 मरीजों की हालत गंभीर है। पिछले 24 घंटे में कुल 144 नए मामले आए हैं। पेइचिंग के पड़ोस में स्थित हेबेई प्रांत में सबसे ज्यादा संक्रमण के 90 मामले आए जबकि हेलोंगजिआंग प्रांत में 48 नए मामले आए। देश के बाहर से आए नौ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
WHO के विशेषज्ञ महामारी के शुरुआती स्थल को लेकर करेंगे जांच

आइसोलेशन नीति का कड़ाई से पालन कराने, यात्रा संबंधी पाबंदियों और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से लोगों की निगरानी के बावजूद दक्षिण में स्थित गुआंक्सी क्षेत्र और उत्तरी प्रांत शांक्सी में भी स्थानीय स्तर पर संक्रमण के मामले आए हैं। चीन में संक्रमण के कुल मिलाकर अब तक 87,988 मामले आ चुके हैं और 4635 मरीजों की मौत हुई है। देश के उत्तरी भाग में संक्रमण के मामलों में ऐसे वक्त बढ़ोतरी हुई है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ महामारी के शुरुआती स्थल को लेकर जांच आरंभ करने वाले हैं।
वुहान शहर में ही सबसे पहले दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण सामने आया था और उसके बाद इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम बृहस्पतिवार को चीन के वुहान पहुंची। चीन कोरोना वायरस से निपटने के लिए हेबेई में तीन दिन के अंदर तीन हजार लोगों के लिए आइसोलेशन यूनिट बना रहा है। इसके लिए 600 मजदूर लगाए गए हैं और वे भीषण ठंड के बाद भी 24 घंटे काम कर रहे हैं। इस यूनिट को तीन दिन में बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है।


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