x
हालांकि बौद्धिक संप्रदाय से जुड़े लोगों और अपने सहयोगी दलों के दबाव में उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा।
श्रीलंका में कोरोना की तीसरी लहर का कहर सामने आ रहा है। इसको देखते हुए श्रीलंका में 10 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। यह फैसला वहां पर कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है। लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए डाक्टर और बौद्ध संप्रदाय के लोग सरकार पर दबाव बनाने लगे हैं। ऐसे में श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पूरे देश में दस दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला किया। कोरोना से बचाव के लिए बने नेशनल आपरेशंस सेंटर ने कहा कि यह लॉकडाउन शुक्रवार रात 10 बजे से शुरू हुआ जो 30 अगस्त की सुबह 4 बजे तक लागू रहेगा।
बता दें कि श्रीलंका में कोरोना से स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। गुरुवार को यहां रिकॉर्ड 186 लोगों ने कोरोना से अपनी जान गंवाई। वहीं देश में कोरोना के 3800 से ज्यादा नए कोरोना के मामले सामने आए । यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक श्रीलंका में अभी तक 6790 लोगों की कोरोना संक्रमण से जान जा चुकी है। वहीं 3,73,165 लोग अब तक श्रीलंका में इससे संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी कोलंबो सहित पश्चिमी प्रांत इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। गौरतलब है कि लगातार लॉकडाउन लगाए जाने से इस देश में पर्यटन के कारोबार पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है।
श्रीलंकन आर्मी चीफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा जो कि कोविड प्रिवेंशन सेंटर के प्रमुख भी हैं ने कहा कि क्वारंटाइन कर्फ्यू 20 अगस्त रात दस बजे से 30 अगस्त सुबह 4 बजे तक लागू रहेगा। इससे पहले श्रीलंकन राष्ट्रपति देश में लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि ऐसा करने से पहले से ही बदहाल देश की अर्थव्यवस्था और ज्यादा गर्त में चली जाएगी। हालांकि बौद्धिक संप्रदाय से जुड़े लोगों और अपने सहयोगी दलों के दबाव में उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा।
Next Story