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कोरोना वायरस का बुजुर्गों पर पड़ सकता है बुरा असर, स्टडी में हुआ खुलासा

Neha Dani
18 Jan 2022 10:54 AM GMT
कोरोना वायरस का बुजुर्गों पर पड़ सकता है बुरा असर, स्टडी में हुआ खुलासा
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कोरोना होने से पहले कोई मानसिक बीमारी नहीं थी.

दुनियाभर में कोरोना के एक बार फिर से मामले बढ़ रहे हैं. कोविड ने फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इसे लेकर डॉक्टर्स और मेडिकल एक्सपर्ट्स भी लगातार रिसर्च कर रहे हैं. हाल ही में की गई एक रिसर्च में पता लगा है कि कोविड से संक्रमित होने से अल्जाइमर (Alzheimer's) विकसित होने की तुलना में बुजुर्ग लोगों को एक खास तरह की मानसिक बीमारी हो सकती है.

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ने की रिसर्च
डेली मेल में छपी एक खबर के अनुसार, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYU) और ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च टीम ने पाया कि वो बुजुर्ग जिन्हें पहले कोविड हुआ था, वो लोग टॉक्सिक मेटाबॉलिक एन्सेफैलोपैथी (TME) नामक बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं. रिसर्च टीम ने पाया कि जो लोग कोविड से रिकवर हुए थे, उनका ब्लड टेस्ट करने पर पता चला कि वे अल्जाइमर वाले लोगों की तुलना ब्रेन से संबंधित बीमारियों से ज्यादा पीड़ित हुए. जिन मरीजों ने TME के लक्षण पाए गए, उनमें से 60 फीसदी मरीजों को मानसिक परेशानी थी.
कोरोना की पहली लहर के दौरान हुई थी स्टडी
ये स्टडी कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान की गई थी. स्टडी का डेटा ओमिक्रॉन या डेल्टा वेरिएंट पर भी लागू होता है इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है. कोविड के रूप में तेजी से फैल रहा एक वायरस का इतना गंभीर दुष्प्रभाव होना एक चिंताजनक बात है.
जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस स्टडी के हेड डॉ जेनिफर फ्रोंटेरा बताते हैं कि 'हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि COVID-19 के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों, और विशेष रूप से उनके तीव्र संक्रमण के दौरान न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का अनुभव करने वालों में मानसिक बीमारी के लक्षण हो सकते हैं जो अल्जाइमर रोग वाले लोगों में देखे गए लोगों की तुलना में काफी ज्यादा हैं.' उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति वायरस से संक्रमित होने के बाद भी TME विकसित कर सकता है.
251 लोगों के डेटा को किया गया स्टडी
रिसर्च टीम ने 251 बुजुर्गों से डेटा लिया, जिन्हें साल 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ये स्टडी उन लोगों पर की गई जो कोरोना से ठीक हो गए थे या जिनकी मौत हो गई. इन लोगों को कोरोना होने से पहले कोई मानसिक बीमारी नहीं थी.


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