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चीन में Corona ने फिर दुनिया को डराया, हालात बदतर, क्वारंटीन सेंटर में जगह नहीं
Kajal Dubey
15 April 2022 9:15 AM GMT
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देखें वीडियो।
Coronavirus in China: चीन के फाइनेंशियल हब शंघाई में कोरोना ने जबरदस्त तबाही मचा रखी है. गुरुवार को यहां कोरोना के रिकॉर्ड 27 हजार से ज्यादा मामले सामने आए. हालांकि, 25 हजार से ज्यादा संक्रमितों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है. शंघाई में इतने ज्यादा मामले तब सामने आए हैं, जब एक दिन पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 'सख्ती' बरतने की बात कही थी.
शंघाई कोरोना की अब तक की सबसे बुरी मार से जूझ रहा है. चीन की 'जीरो कोविड पॉलिसी' के तहत यहां सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. शंघाई की 2.5 करोड़ आबादी घरों में कैद है. सख्त लॉकडाउन के बावजूद भी यहां कोरोना के मामले थम नहीं रहे हैं. शंघाई में कोरोना के मामलों में जबरदस्त तेजी की वजह ओमिक्रॉन (Omicron) को माना जा रहा है.
कोरोना से शंघाई की हालत इतनी खराब हो गई है कि यहां अब संक्रमितों को रखने के लिए जगह नहीं बची है. स्कूलों और दफ्तरों की इमारतों को क्वारनटीन सेंटर में बदला जा रहा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, क्वारनटीन सेंटर खचाखच भरे हुए हैं. यहां दो बिस्तरों के बीच एक हाथ का अंतर भी नहीं है.
china lockdown and its discontents pic.twitter.com/MkOvqEqKLh
— ian bremmer (@ianbremmer) April 14, 2022
शंघाई के एक क्वारनटीन सेंटर में रह रहीं 60 साल की बुजुर्ग महिला ने न्यूज एजेंसी को एक वीडियो भेजा है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि सेंटर में बहुत भीड़ है, लोगों के बीच में एक मीटर की दूरी भी नहीं है. महिला का दावा है कि सेंटर में बच्चों समेत 200 लोग रह रहे हैं. यहां नहाने की व्यवस्था भी नहीं है. सिर्फ 4 टॉयलेट ही बनी हैं. नाश्ते में भी सिर्फ ब्रेड मिल रही है.
चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत, पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद क्वारनटीन सेंटर में रहना जरूरी है. यहां संक्रमण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि स्कूल, रिहायशी इमारतों, फैक्ट्रियां, ऑफिसेस को क्वारनटीन सेंटर बनाया जा रहा है. क्वारनटीन सेंटर से तभी बाहर आने को मिल रहा है, जब लगातार दो बार निगेटिव रिपोर्ट आ रही है.
जिस महिला ने न्यूज एजेंसी को क्वारनटीन सेंटर के अंदर का वीडियो दिया था, उसका कहना है कि उसे यहां 20 दिन पहले लाया गया था. इससे पहले उसे एक होटल में आइसोलेट रखा गया था. महिला का कहना है कि वो संक्रमण से ठीक हो गई थी, लेकिन अब उसे फिर से संक्रमित होने का खतरा है, क्योंकि यहां आ रहे लोगों में कफ और बुखार की समस्या है. महिला का कहना है कि पॉजिटिव और निगेटिव व्यक्तियों को साथ में कैसे रखा जा सकता है?
शंघाई में मार्च से लेकर अब तक कोरोना के 2.80 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस कारण अब लोगों को क्वारनटीन करने के लिए जगह तक नहीं बची. इसलिए अब रिहायशी इमारतों को क्वारनटीन सेंटर में बदला जा रहा है और संक्रमितों को यहां रखा जा रहा है. लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया है और पड़ोसियों ने इस पर आपत्ति जताई है.
न्यूज एजेंसी से एक महिला ने कहा, ऐसा नहीं है कि मैं सहयोग नहीं करना चाहती, लेकिन कैसा महसूस होगा जब बिल्डिंग के दो ब्लॉक में दूरी सिर्फ 30 फीट की है, हम सभी निगेटिव हैं और इन लोगों को अलाउ किया जा रहा है?
रिहायशी इमारत को क्वारनटीन सेंटर पर लोगों ने इतना विरोध किया कि पुलिस को बुलाना पड़ गया. पुलिस के साथ लोगों की झड़प भी हुई. महिला का कहना है कि ये जगह क्वारनटीन सेंटर बनाने के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि इससे उनके संक्रमित होने का खतरा भी है.
शंघाई में इतनी सख्ती बरती जा रही है कि लोग परेशान होने लगे हैं. लोगों को न खाने-पीने का सामान मिल पा रहा है और न ही दवाई मिल रही है. लोग घरों में कैद है और उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. लोग सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैं कि उनके पास खाने-पीने के सामान की कमी हो गई है.
खाने-पीने के साथ-साथ लोगों को दवा भी नहीं मिल रही है. शंघाई में रहने वालीं ग्रेप चेन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उनके पिता हाल ही में स्ट्रोक से रिकवर हुए हैं और वो उनके लिए दवा लाने जाने से भी डर रही हैं. उन्होंने फोन किया लेकिन वहां से भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन पुलिस ने कहा कि क्वारनटीन रूल्स अधिकारियों को मदद करने से मना कर सकते हैं. चेन का कहना है कि वो इसमें सहयोग देना चाहती हैं, लेकिन उनकी जिंदगी का भी सम्मान भी होना चाहिए.
जीरो कोविड पॉलिसी के कारण शंघाई में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. शंघाई के शुझोऊ शहर में 1.8 करोड़ लोगों को घरों पर ही रहने को कहा गया है. शुझोऊ में स्मार्टफोन मैनुफैक्चरिंग का काम सबसे ज्यादा होता है.
रिसर्च फर्म गेवेकल ड्रेगोनॉमिक्स के मुताबिक, जीडीपी के लिहाज के चीन के 100 बड़े शहरों में से 87 में किसी न किसी तरह का प्रतिबंध लगा है. इससे चीन की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हो रहा है. चीन में यूरोपियन यूनियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक, शंघाई पोर्ट कभी दुनिया का सबसे व्यस्त बंदरगाह था, लेकिन अब यहां कार्गो हैंडलिंग में 40 फीसदी की कमी आ गई है.
ऑटो कंपनियों ने भी अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है. स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सामान बनाने वाले शहरों में प्रतिबंध लगने से इस साल चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ में 5% की कमी आ सकती है.
Kajal Dubey
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