अमेरिकी संसद के निचले सदन (प्रतिनिधि सभा) ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता जताई है। उसने एक प्रस्ताव में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को तत्काल कोविड-19 सहायता देने का अनुरोध किया। प्रस्ताव पास होने से पहले अमेरिकी कांग्रेस के 150 से अधिक सदस्यों ने भारत के समर्थन में बयान, पत्र जारी किए और ट्वीट किए।
कांग्रेस सदस्य ब्रेड शरमन और स्टीव चाबोट द्वारा पेश इस द्विदलीय प्रस्ताव का सदन के 41 सांसदों ने इसका समर्थन किया। इसमें कहा गया है कि जब अमेरिका में कोविड-19 के मामले बेतहाशा बढ़ रहे थे तब भारत ने अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर कुछ चिकित्सा सामान पर अपना निर्यात प्रतिबंध हटा लिया था। शरमन और चाबोट हाउस इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं।
इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले 41 सदस्यों में से 32 सांसद सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के और नौ रिपब्लिकन पार्टी के हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत का दवा उद्योग महामारी के वैश्विक समाधान का अहम हिस्सा है। खासतौर से एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के लिए और वह कोविड रोधी टीकों का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत ने 93 देशों को 6.6 करोड़ टीकों का निर्यात किया है।
भारत से हमारे करीबी रिश्ते, हमें मदद करना ही चाहिए
भारत को तत्काल मदद का प्रस्ताव रखते हुए सांसद ब्रेड शरमन ने कहा, यह प्रस्ताव भारतीयों के समर्थन में है क्योंकि उन्होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सामूहिक रूप से काम किया है। अमेरिका को यह संक्रमण खत्म करने के लिए दुनियाभर के हमारे साझेदारों के साथ काम करना चाहिए। चाबोट ने कहा, भारत से हमारे करीबी संबंध हैं, हमें उन्हें दूसरी लहर के खिलाफ जंग खत्म करने और एक साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ युद्ध जीतने में मदद करनी चाहिए।