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नेपाल के पूर्व राजा और रानी कोरोना संक्रमित, हाल ही में महाकुंभ से लौटी थी शाही दंपति

Gulabi
20 April 2021 1:13 PM GMT
नेपाल के पूर्व राजा और रानी कोरोना संक्रमित, हाल ही में महाकुंभ से लौटी थी शाही दंपति
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कोरोना पॉजिटिव

Nepal Ex King Gyanendra Tests Covid Positive after return from Maha Kumbh: नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र और उनकी पत्नी रानी कोमल कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. नेपाल के राजा हाल ही में हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ से लौटे थे. नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 73 वर्षीय पूर्व राजा और 70 साल की उनकी पत्नी हाल ही में हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाकर लौटे थे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक दोनों की RT-PCR जांच कराई गई थी, जिनमें दोनों के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है.


जानकारी के मुताबिक पूर्व राजा और रानी की वापसी पर काठमांडू एयरपोर्ट पर सैकड़ों की भीड़ उनका स्वागत करने के लिए जुटी थी. प्रशासन ने इस शाही दंपति के संपर्क में आए लोगों की तलाश शुरू कर दी है ताकि उनकी टेस्टिंग की जा सके. रॉयल पैलेस में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के बड़े भाई बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव और उनके परिवार के लोगों की एक नरसंहार में हत्या कर दी गई थी. जांच में यह माना गया कि बीरेंद्र के बेटे दीपेंद्र ने ही यह हत्याएं की थीं. दीपेंद्र भी इस घटना में मारा गया था. इसके बाद 2001 में ज्ञानेंद्र नेपाल के राजा चुने गए थे.


2008 में छोड़नी पड़ी थी गद्दी
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को 2008 में गद्दी छोड़नी पड़ी थी. नेपाल में राजशाही के खिलाफ हुए विद्रोह के बाद सदियों से चली रही राजशाही का अंत हो गया था और इस हिमालयी देश में भी लोकतांत्रिक सरकार चुनी गई थी. 2005 में देश की कमान सीधे तौर पर अपने हाथ में लेने की वजह से उनके खिलाफ पूरे देश में माहौल बन गया था. उस समय ज्ञानेंद्र शाह ने दावा किया था कि माओवादी घटनाओं को रोकने में प्रमुख राजनीतिक दल विफल रहे हैं.

पब्लिक लाइफ से दूर रहती है शाही दंपति
गद्दी से हटने के बाद से ही यह शाही दंपति बहुत ही कम सार्वजनिक मंचों पर दिखती है. हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ में अब तक लाखों लोग डुबकी लगा चुके हैं. इस वजह से बहुत से साधु भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधुओं से अपील की थी कि कुंभ को अब सिर्फ 'सांकेतिक' ही रखा जाए. हरिद्वार में महाकुंभ का मेला 1 अप्रैल को शुरू हुआ था. इसके लिए उत्तराखंड आने वाले लोगों के लिए कई तरह की पाबंदियां भी रखी गई थीं. इसके बावजूद कुंभ से लौटने के बाद कोविड पॉजिटिव के कई मामले सामने आए हैं.


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