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अमेरिका में फूटा 'कोरोना बम', एक दिन में मिले 60 हजार से ज्यादा नए केस

Neha Dani
28 July 2021 6:21 AM GMT
अमेरिका में फूटा कोरोना बम, एक दिन में मिले 60 हजार से ज्यादा नए केस
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वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग भी अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।

अमेरिका में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आनी शुरू हो गई है। अमेरिका (America) में एक बार फिर कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में इजाफा हो रहा है। अमेरिका में पिछले कई दिनों से कोरोना के नए केसों में तेजी देखी जा रही है। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के 60 हजार से ज्यादा नए केस आए हैं। इसके बाद अब वह एक बार फिर से संक्रमण के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच गया है।

कोविड की वजह से अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कोरोना केस में हुए इजाफे के बाद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी तेजी देखने को मिली है। अधिकतर नए मामले फ्लोरिडा में रिपोर्ट किए गए हैं, जहां एक दिन में रिकॉर्ड कोरोना केस सामने आए हैं। अमेरिका में करीब 40000 कोरोना मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जो जनवरी में कोरोना के पीक के दौरान से कम हैं। वहीं, संघीय अधिकारियों ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने के नियमों को लेकर नए नियम बना दिए हैं।
फिर लौटा मास्क पहनने का नियम
कोरोना के मामलों में दोबारा तेजी आने के बाद अमेरिका के हाई रिस्क वाले इलाकों में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए मास्क पहनना एक बार फिर से अनिवार्य हो गया है। डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद यह फैसला लिया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन डायरेक्टर रोशेल वेलेंस्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मास्क पर लिए गए फैसले के बारे में बताया। उन्होंने इस दौरान यह बताया कि कोरोना वैक्सीन असरदार है लेकिन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की वजह से आगे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इस कारण ऐसे एहतियात लेना जरूरी है।
सीडीसी के डेटा के मुताबिक, दक्षिणी अमेरिका में सबसे ज्यादा संक्रमण देखा गया है। हालांकि, उत्तरपूर्वी जैसे देश के जिन हिस्सों में सबसे ज्यादा टीकाकरण हुआ है, वहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन की दर सीमित है। अमेरिका में प्रति एक लाख पर 100 से ज्यादा संक्रमण के मामले आने को हाई रिस्क श्रेणी में रखा गया है। हालांकि, सीडीसी की ही रिसर्च में दावा किया गया था कि टीका ले चुके लोग जब संक्रमित होते हैं, तो उनका वायरल लोड टीका न लेने वालों के बराबर ही होता है। सीडीसी का कहना है कि इस रिसर्च के बाद यह कहा जा सकता है कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग भी अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।


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