जुलाई के बाद से संसद की बैठकें भी नहीं हो रही थीं, 2 अक्टूबर को संसद का पूर्ण सत्र बुलाया गया था। इसी बैठक के बाद अधिकतर सांसदों ने बुखार आदि की शिकायत की उसके बाद जब उनकी जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। कई सांसदों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर घोषणा की कि उनका कोरोना परीक्षण पॉजिटिव पाया गया है। ट्यूनीशिया ने हाल के दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में काफी तेज देखी गई है। प्रकोप शुरू होने के बाद से 32,556 मामलों में से 10,000 से अधिक की रिपोर्ट पिछले सात दिनों में दर्ज की गई।
अभी तक इस देश में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया था मगर अब ऐसे मरीज पाए जा रहे हैं। शासन की ओर से कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था, साथ ही दो माह के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को भी बंद कर दिया गया था। इससे लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई थी। अब जब फिर से लॉकडाउन हटाया गया तो कोरोना के मरीज पाए जाने लगे हैं। अब कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई शहरों में फिर से दो सप्ताह का कर्फ्यू लगा दिया गया है।
ट्यूनीशिया में केवल कुछ सौ आइसीयू के बेड उपलब्ध हैं। अब डॉक्टर इस बात को लेकर चिंतित है कि जिस तरह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है उससे ये बेड कम पड़ने की संभावना है। कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए अधिकारियों की एक बैठक में प्रधानमंत्री हिचमे मेचिची ने घोषणा की कि जो लोग सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनते हैं, उन पर इस सप्ताह के अंत में जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और आर्थिक चिंताओं को संतुलित करना महत्वपूर्ण है।