विश्व
मनी लॉन्ड्रिंग को वैध बनाने की सरकारी योजना पर विवाद, विपक्ष व सिविल संगठनों ने की आलोचना
Kajal Dubey
12 Jun 2022 10:51 AM GMT
x
पढ़े पूरी खबर
बांग्लादेश सरकार की मनी लॉन्ड्रिंग को वैध बनाने की योजना को लेकर देश में तीखा विवाद उठ खड़ा हुआ है। न सिर्फ विपक्ष, बल्कि सिविल सोसायटी संगठनों ने भी इस योजना की आलोचना की है। बांग्लादेश सरकार ने गुरुवार को पेश अगले वित्त वर्ष के बजट में गैर-कानूनी ढंग से देश में लाए गए धन को वैध बनाने का अवसर देने की एक योजना घोषित की थी।
सिविल सोसायटी संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशन बांग्लादेश (टीआईबी) ने इस योजना की विस्तृत आलोचना पेश की है। इस संस्था ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि इस योजना से लोगों को भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की प्रेरणा मिलेगी। संस्था ने यह भी कहा कि ये योजना गैर संवैधानिक है। साथ ही यह प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता रखने घोषणा के भी पूरी तरह खिलाफ है। ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने इस योजना को तुरंत रद्द करने की मांग सरकार से की है।
सरकार की तरफ से पेश योजना के मुताबिक जिन लोगों ने मनी लॉन्ड्रिंग की है, वे अधिकतम दर से टैक्स चुका कर अपने धन को वैध बना सकते हैं। टीआईबी के कार्यकारी निदेशक इफ्तखारुजम्मां ने कहा कि इस प्रावधान से मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल लोगों को अनैतिक संरक्षण मिलेगा। अपराध करने के बाद टैक्स चुकाने का अवसर देने का मतलब यह है कि सरकार अपराध को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा- 'इस कदम से देश में आम तौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।'
कई दूसरे विशेषज्ञों ने भी कहा है कि जरूरत भ्रष्टाचार में शामिल लोगों की जवाबदेही तय करने की है, जबकि यह योजना उन्हें टैक्स चुका कर अपने किए की सजा से बच निकलने का मौका देती है। आलोचकों ने ध्यान दिलाया है कि इस योजना से अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं का भी उल्लंघन होगा। सरकारी योजना के मुताबिक विदेश से कोई व्यक्ति किस माध्यम से धन बांग्लादेश ले आया, नई योजना का लाभ उठाने वाले व्यक्तियों यह नहीं पूछा जाएगा। उनसे सिर्फ यह अपेक्षा होगी कि जितनी रकम वे ले आए हैं, उस पर बनने वाला टैक्स वे चुका दें। सरकार ने कहा है कि कोविड-19 महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण बनी विकट स्थितियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने के लिए सरकार ने इस विशेष रियायत की घोषणा की है।
इस योजना की व्यापक रूप से हुई आलोचना के बाद वित्त मंत्री एएचएम मुस्तफा कमाल ने सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण जारी किया है। एक सार्वजनिक बयान में उन्होंने कहा कि इस योजना का मकसद बांग्लादेशियों को विदेशों में जमा उनके धन को बांग्लादेश लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना में रुकावट डालने से देश का कोई भला नहीं होगा।
सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि इस समय बांग्लादेश को विदेशी मुद्रा की सख्त जरूरत है। ऐसे में बांग्लादेशी अगर विदेश में रखा अपना धन वापस लाएंगे, तो उससे देश को बड़ी मदद मिलेगी। बांग्लादेश सरकार ने दावा किया है कि उसकी ताजा योजना जैसी छूट दुनिया के 17 देशों ने पहले ही दे रखी है। उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, नॉर्वे, इंडोनेशिया, और मलेशिया शामिल हैं।
लेकिन आलोचकों ने कहा है कि ये योजना सरकार की अक्षमता का सबूत है। वैध स्रोतों से अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम रहने के बाद अब भ्रष्ट स्रोतों से विदेशी मुद्रा हासिल करने की कोशिश कर रही है।
Next Story