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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन में नागरिकता और सीमा बिल 2021 पर विवाद छिड़ा हुआ है. इस कानून की एक धारा सरकार को ये हक देती है कि वो बिना नोटिस दिए किसी ब्रिटिश नागरिक से उसकी नागरिकता छीन ले. ब्रिटेन में एक तरफ ओमिक्रोन के पसरने का डर है तो दूसरी ओर विवादास्पद नागरिकता और सीमा बिल भी हाउस ऑफ कॉमंस की सीमा लांघते हुए ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन में पहला पड़ाव पार कर चुका है. सरकार कहती है कि वो नागरिकता, शरण और आव्रजन की प्रक्रिया को नियमित करना चाहती है लेकिन बिल के कुछ पहलुओं पर जमकर विवाद हो रहा है. मानवाधिकार संस्थाओं समेत ब्रिटेन में बसे भारतीय व दक्षिण एशियाई मूल के लोग इस बात का डर जता रहे हैं कि इस कानून के तहत, सरकार दोहरी नागरिकता रखने वाले या विदेश में जन्मे ब्रिटिश नागरिकों को उनकी नागरिकता से बेदखल कर सकती है. हालांकि सरकार ने अपने एक बयान में कहा है कि नागरिकता वापिस लेने का कानून दशकों से है लेकिन उसका इस्तेमाल धोखे से नागरिकता हासिल करने वालों या भयानक अपराधियों के खिलाफ होता है. विवादास्पद पहलू विवाद की सबसे बड़ी वजह है बिल की धारा 9 जिसे नवंबर में निचले सदन में लाए गए संशोधन के तहत जोड़ा गया. ब्रिटिश नागरिकता कानून 1981 के तहत अगर सरकार किसी की नागरिकता वापिस लेती है तो इसके लिए व्यक्ति को नोटिस दिया जाना जरूरी है. तस्वीरेंः यूनिफॉर्म सिविल कोड नए बिल की धारा 9 नोटिस दिए जाने की अनिवार्यता को खत्म करती है. इसके मुताबिक अगर गृह मंत्री के पास नोटिस देने के लिए पर्याप्त जानकारी ना हो, किसी अन्य कारण से नोटिस देना वाजिब ना हो या राष्ट्रीय सुरक्षा व सार्वजनिक हित के लिए जरूरी हो तो नागरिकता छीनने के लिए नोटिस देने की जरूरत नहीं है. ये धारा जनता के विचार जानने के लिए संसद की वेबसाइट पर जारी किए गए बिल के मसौदे का हिस्सा नहीं थी.