दिल्ली: अंतरिक्ष से एस्टरॉयड के आने का सिलसिला लगातार जारी है. ऊबड़ खाबड़ आकार लिए ये भारी भरकम पत्थर इन दिनों एक के बाद एक धरती की ओर रुख कर रहे हैं और इसके पास से होकर गुजर रहे हैं. एस्टरॉयड सौरमंडल के एक बड़े हिस्से में फैले हैं. अधिकांश एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति की कक्षा के बीच के खाली क्षेत्र में उपस्थित बताए जाते हैं. नासा 7 लाख से अधिक एस्टरॉयड की पहचान कर चुकी है. ये खनिज पदार्थों और चट्टानी पत्थरों से बने होते हैं. इनका साइज 500 फीट से लेकर कई किलोमीटर तक बड़ा सकता है. ऐसे में नासा एस्टरॉयड से सावधान करती रहती है. आज फिर से 390 फीट बड़ा चट्टान का टुकड़ा धरती के पास आ रहा है. साथ ही एक और एस्टरॉयड के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
एस्टरॉयड ट्रैकिंग के लिए नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) लगातार काम कर रही है. JPL ने आज 2 एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया है. ये दोनों ही एस्टरॉयड धरती के बहुत पास से गुजरने वाले हैं. इनमें से एक है एस्टरॉयड 2023 MT1 नामक चट्टान. यह 44 फीट बड़ी है. जो कि एक घर जितनी बड़ी हो सकती है. अगले 24 घंटों में Asteroid 2023 MT1 धरती के करीब पहुंच चुका होगा. यह 11 लाख किलोमीटर की दूरी तक आने वाला है, जिसके बाद यह अपनी कक्षा में घूमता हुआ आगे बढ़ जाएगा.
लेकिन वास्तविक खतरा बहुत बड़ा है. आज एस्टरॉयड 2020 NC भी पृथ्वी की ओर आ रहा है. यह 390 फीट का एस्टरॉयड है. Asteroid 2020 NC के लिए नासा का बोलना है कि यह दो बड़ी बिल्डिंग के जितना बड़ा हो सकता है. एस्टरॉयड 2020 NC धरती की ओर बिजली की रफ्तार से चला आ रहा है. इस विशालकाय चट्टान के लिए नासा ने बोला है कि यह जब धरती के सबसे करीब होगा तो दोनों के बीच की दूरी 53 लाख किलोमीटर के लगभग होगी. एस्टरॉयड 2020 NC (Asteroid 2020 NC) की स्पीड 27,873 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है.
धरती से एस्टरॉयड की भिड़न्त बहुत ही दुर्लभ घटना मानी जाती है. लेकिन आसार से इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि ग्रह के आकार से तुलना की जाए तो एस्टरॉयड आकार में काफी छोटे होते हैं. पृथ्वी की बात करें तो इसका व्यास 12,756 किलोमीटर का है. स्पेस शटल को धरती का एक फेरा लगाने में 27,880 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भी 90 मिनट, यानि कि 1.5 घंटा लग जाता है. आप इसके आकार की कल्पना कर सकते हैं कि यह कितना बड़ा है. ऐसे में इसका गुरुत्वाकर्षण भी बहुत ताकतवर है. नेशनल साइंस फाउंडेशन के मुताबिक, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण इतना ताकतवर है कि यह 9.8 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से किसी वस्तु को अपनी ओर खींच सकता है. ऐसे में कई बार उल्का पिंड और एस्टरॉयड भी धरती की ओर खिंचे चले आते हैं.
एस्टरॉयड यदि गुरुत्वाकर्षण के असर में आकर धरती पर गिर जाए तो यह धरती के बड़े हिस्से को तबाह कर सकता है. उल्का पिंड भी कई बार बड़ा खतरा बन जाते हैं. रूस में 2013 में Chelyabinsk नामक उल्का पिंड आसमान में फटा था जिसने 7 हजार ईमारतों को हानि पहुंचाया था. इसमें 1400 से अधिक लोग घायल हुए थे. यह उल्का पिंड 59 फीट साइज का था. इसी तरह यदि कोई एस्टरॉयड भी धरती की ओर आकर्षित हो जाता है तो यह इससे कई गुना भारी तबाही ला सकता है.