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2016 से इसकी प्रक्रिया धीमी हो गई है, जब यूरोपीय संघ ने इसको लेकर तुर्की के साथ एक समझौता किया था।
ग्रीस ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद उसने शरणार्थियों को यूरोप में आने से रोकने के लिए तुर्की से लगती सीमा पर 40 किलोमीटर लंबी दीवार का निर्माण कर लिया है। इसके अलावा नई निगरानी प्रणाली भी स्थापित की गई है।
अफगानिस्तान की घटनाओं से यूरोपीय संघ को 2015 के शरणार्थी संकट की पुनरावृत्ति का डर सता रहा है। उस समय पश्चिम एशिया में युद्ध और गरीबी के चलते लगभग 10 लाख लोग तुर्की की सीमा पार कर ग्रीस चले गए थे। फिर वहां से वे अन्य समृद्ध देशों की ओर चले गए।
हमारी सीमाएं सुरक्षित बनी रहेंगी: नागरिक सुरक्षा मंत्री मिचालिस क्रिसोक्वाइडिस
ग्रीस उस संकट के समय अगले मोर्चे पर था। उसने कहा कि उसने सीमा पर अपने बल को मुस्तैद कर रखा है, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रीस फिर से यूरोप का प्रवेश द्वार न बने। नागरिक सुरक्षा मंत्री मिचालिस क्रिसोक्वाइडिस ने रक्षा मंत्री और सैन्य बलों के प्रमुख के साथ शुक्रवार को इवरोज इलाके का दौरा किया। इसके बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अफगान संकट से शरणार्थियों के आने की आशंका बढ़ गई है। हम इसका असर होने तक इंतजार नहीं कर सकते। हमारी सीमाएं सुरक्षित बनी रहेंगी। लोग इसे पार नहीं कर पाएंगे।
मिचालिस ने कहा कि 12.5 किलोमीटर दीवार हाल के दिनों में बढ़ाई गई है। इसके अलावा स्वचालित इलेक्ट्रानिक निगरानी प्रणाली भी लगाई गई है। प्रवासी ग्रीस में जमीन या समुद्र के रास्ते प्रवेश करते हैं। 2016 से इसकी प्रक्रिया धीमी हो गई है, जब यूरोपीय संघ ने इसको लेकर तुर्की के साथ एक समझौता किया था।
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