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बीजिंग, (आईएएनएस)| 14 नवंबर को अमेरिकी पक्ष के प्रस्ताव पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आमने-सामने भेंटवार्ता की। तीन घंटे से अधिक समय तक दोनों राष्ट्रपतियों ने द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक सवालों और महत्वपूर्ण वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर गहन विचार- विमर्श किया और कई समानताएं संपन्न कीं और चीन अमेरिका रिश्तों की दिशा निर्धारित की। आम तौर पर देखा जाए ,तो इस वार्ता ने अनुमानित उद्देश्य पूरा किया है। अंतरराष्ट्रीय लोकमत ने इसका व्यापक सकारात्मक मूल्यांकन किया।
ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि चीन और अमेरिका के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध सुधारने की इच्छा व्यक्त की। सीएनएन ने कहा कि इस वार्ता से दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आयी है।
वर्तमान विश्व शांत नहीं है ।विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नाते सहयोग मजबूत करना दोनों देशों और पूरे विश्व के लिए अच्छी बात है। इस वार्ता में दोनों पक्षों ने कुछ सवालों पर समानताएं संपन्न की हैं। उदाहरण के लिए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि दोनों पक्षों की राजनयिक टीमें ,वित्तीय टीमें रणनीतिक वातार्लाप और समन्वय बनाए रखेंगी ।दोनों पक्ष जलवायु परिवर्तन पर कोप-27 महासभा की सफलता के लिए समान कोशिश करेंगे ।दोनों राष्ट्रपति नियमित रूप से संपर्क बरकरार रखने पर भी सहमत हुए हैं ।ब्राजील के चीन अध्ययन केंद्र के निदेशक रोने लिनस के विचार में इस वार्ता से जाहिर है कि चीन और अमेरिका के नेता द्विपक्षीय व बड़े वैश्विक मुद्दों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं। इसने वैश्विक शांति व स्थिरता के लिए विश्वास और आशा की किरण जगायी है।
बाद में दोनों पक्षों को राष्ट्रपतियों के बीच संपन्न अहम समानताएं लागू करने की जरूरत है। खासकर अमेरिकी पक्ष को राष्ट्रपति बाइडेन के वादे का पालन कर चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करना चाहिए, ताकि विश्व एक बड़े देश की सदिच्छा और जिम्मेदारी देख सके।
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