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लॉ यानी वकालत (Advocacy) का पेशा समय के साथ बदलता जा रहा है। यह चकाचौंध से भरपूर प्रोफेशन बन चुका है। लॉ की डिग्री के बाद वकालत के ऐसे नए सेक्टर ज्वाइन कर सकते हैं, जो काफी डिमांडिंग हो गए हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे ऑप्शन हैं। जिसमें लॉ एक्सपर्ट के तौर पर काम कर सकते हैं। कानून के विशेषज्ञों के लिए नए दौर में कॉरपोरेट कल्चर में भी कई विकल्प सामने आए हैं। जो अच्छा पैसा तो देती ही हैं साथ ही इसमें अच्छी प्रसिद्धि भी हासिल कर सकते हैं।
► सरकारी नौकरी
लॉ की डिग्री मिलने के बाद न्याय सेवा और सिविल सेवा की परीक्षा (Civil Services Examination) में शामिल हो सकते हैं। राज्य और केंद्र सरकार समय समय पर यह परीक्षा आयोजित करती है। इन परीक्षाओं को पास करने के बाद कैंडिडेट जज बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य ऊंचे पदों पर कार्यरत हो सकते हैं। ये ऐसी पोस्ट हैं, जिनमें सैलरी के साथ-साथ कई सारी सुविधाएं भी दी जाती हैं। इसके साथ ही लॉ डिग्री होल्डर ज्यूडिशियल क्लर्कशिप या जज के सहायक के तौर पर कार्य कर सकते हैं। ये जज को विधि संबंधी या केस से संबंधित अनुसंधान में सहायक का कार्य करते हैं।
ये हैं वकालत के नए सेक्टर-
► एनवायरमेंट लॉयर
एनवायरनमेंट लॉ वकालत की ट्रेडिंग फील्ड है। इसमें प्राकृतिक संपदा से संबंधित ऐसे केस सुलझाए जाते हैं, जिसमें प्रकृति को किसी तरह की कोई क्षति पहुंच रही हो। एनवायर्नमेंटल लॉ में पारंगत वकीलों की डिमांड होती है। एनजीओ में भी ऐसे प्रोफेशनल और लीगल एडवाइजर को तवज्जो दी जाती है जो पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं।
► साइबर लॉयर
डिजिटल युग में ऑनलाइन साइबर क्राइम से संबंधित केस खूब देखे जा रहे हैं। इसमें फर्जी व धमकी भरे ई-मेल भेजना, धोखा-धडी, एसएमएस हैकिंग, मोबाइल क्लोनिंग, बैंकिंग जालसाजी आदि केस शामिल हैं। इसमें लॉ प्रोफेशनल के पास कंप्यूटर एवं डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट बनने का भी सुनहरा अवसर है। ये क्राइम की टेक्निकल फील्ड से जुड़ा क्षेत्र है। इसलिए इसमें एक लॉयर को तकनीकी जानकारी संबंधी दाव पेंच में माहिर होना चाहिए।
► पेटेंट और कॉपीराइट लॉयर
यह वकालत का नया क्षेत्र है। इसके तहत किसी भी कंपनी को उसके द्वारा निर्मित नए प्रोडक्ट पर एकाधिकार दिया जाता है। कोई थर्ड पार्टी रिसर्च करने के बाद किसी नए प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग करना चाहती है तो उसे लाइसेंस लेना होता है और उस पर रॉयल्टी देनी पड़ती है। जिसमें इस क्षेत्र से जुड़े वकील का अहम रोल होता है। भारत में इस वकालत के क्षेत्र से संबंधित प्रोफेशनल्स की काफी मांग है।
► लेबर लॉयर
कर्मचारियों के अधिकार और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लेबर लॉ का प्रावधान है। इन दिनों देखा जा रहा है कि इससे संबंधित समस्याएं भी अदालत में बड़ी संख्या में आ रही हैं। इसका कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत है। लॉ की डिग्री लेने के बाद इसमें भी करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। इसमें कैंडिडेट को केस से जुड़े हर एक्ट की बेहतर जानकारी होनी चाहिए।
► इंटरनेशनल लॉयर
इंटरनेशनल लॉयर का अर्थ होता है अंतरराष्ट्रीय कानून से संबंधित जुड़े पेशेवर वकील। इसके तहत विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्रीय हितों की समस्याओं को कानून द्वारा सॉल्व किया जाता है। अंग्रेजी विषय में यदि अच्छी पकड़ है और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं में रुचि रखते हैं तो वकालत के इस क्षेत्र से बेहतरीन मौके मिल सकते हैं।
► कॉरपोरेट लॉयर
कॉरपोरेट लॉ के विशेषज्ञ कंपनियों को कानूनी अधिकारों और उनके कर्तव्यों के बारे में जरूरी सलाह देते हैं. आज के समय में ऐसे एक्सपर्ट्स के लिए अवसरों और करियर बनाने की कोई कमी नहीं है. सभी छोटी बड़ी कंपनियां कारोबारी जरूरत के मद्देनजर विदेशी लेनदेन से संबंधित हैं. जिनके मामले सुलझाने के लिए इन प्रोफेशनल की सहायता पड़ती है.
Source : Uni India
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