ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के कई बेहद गोपनीय दस्तावेज दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड में एक बस स्टॉप पर लावारिस पड़े मिले हैं। रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि पांच दिन पहले मिले इन दस्तावेजों में ब्रिटिश सेना और एक युद्धपोत से जुड़ी गोपनीय जानकारियां मौजूद थीं।
ब्रिटिश युद्धपोत को लेकर रूस की संभावित प्रतिक्रिया और अफगानिस्तान में सैन्य मौजूदगी से जुड़े थे कागजात
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज बस स्टॉप पर मिलने की पुष्टि की है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पिछले सप्ताह एक कर्मचारी ने इन दस्तावेजों के गुम होने की जानकारी दी थी। ये दस्तावेज मंगलवार सुबह एक आम आदमी को केंट काउंटी में एक बस स्टॉप के पीछे गीले कूड़े के ढेर में पड़े मिले, जिसने इन्हें संवेदनशील जानकारी वाला पाकर बीबीसी को सौंप दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 50 पेज के इन दस्तावेजों के एक सेट में ब्रिटिश रॉयल नेवली के युद्धपोत एचएमएस डिफेंडर के बुधवार को क्रीमिया तट से यूक्रेन के समुद्री क्षेत्र से होकर गुजरने के दौरान रूस की संभावित प्रक्रिया पर की गई चर्चा से जुड़ा था, जबकि दूसरे में इस साल के अंत में अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो ऑपरेशन के बाद अफगानिस्तान में ब्रिटिश सेना की संभावित मौजूदगी की योजना का खाका मौजूद था।
इन दस्तावेजों में ईमेल से की गई बातचीत के प्रिंट और पॉवरप्वाइंट प्रजेंटेशन भी शामिल थीं और ये रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय में तैयार किए गए थे। हालांकि ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी करना अनुचित होगा, क्योंकि घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
रूस ने दिखाई थी उत्तेजित प्रतिक्रिया
इन दस्तावेजों में भी युद्धपोत की तोपों को ढककर रखने और हेलिकॉप्टरों को हैंगर के अंदर रखने के बावजूद रूस की उत्तेजित प्रतिक्रिया की संभावना जताई गई थी। बाद में बुधवार को ब्रिटिश युद्धपोत के यूक्रेनी समुद्र में करीब 19 किलोमीटर लंबे क्रीमिया तट के करीब से गुजरने के दौरान रूसी सेना के 20 से ज्यादा विमानों और दो तटरक्षक बल के गश्ती जहाजों ने उसका पीछा किया था।
मास्को के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि एक गश्ती जहाज ने चेतावनी वाले गोले दागे थे और एक विमान ने युद्धपोत की राह में बमबारी की थी। हालांकि ब्रिटिश सरकार ने गोलाबारी के दावे को खारिज कर दिया था।