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यूएनएससी में निंदा प्रस्ताव पेश, ब्रिटेन ने कहा- यह आत्मरक्षा नहीं

Subhi
26 Feb 2022 12:58 AM GMT
यूएनएससी में निंदा प्रस्ताव पेश, ब्रिटेन ने कहा- यह आत्मरक्षा नहीं
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया गया। इसमें रूसी आक्रामकता, हमला और यूक्रेनी संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा की गई।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया गया। इसमें रूसी आक्रामकता, हमला और यूक्रेनी संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा की गई। इसके साथ ही इस प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई और रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का उल्लंघन बताया गया।

हालांकि, यूएनएससी में भारतीय समयानुसार शनिवार तड़के पेश हुए प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत और चीन ने खुद को वोटिंग से दूर कर लिया। दोनों ने ही दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करने और यूएन चार्टर को महत्ता को बताते हुए बातचीत की ओर लौटने की बात कही। संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव यूक्रेन के दोनेस्क और लुहांस्क क्षेत्रों में कुछ इलाकों को स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता देने के फैसले को भी तुरंत पलटने का आह्वान करता है।

इसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विपरीत बताया गया। मसौदा प्रस्ताव में कहा गया कि यूक्रेन में जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता की तीव्र, मानवीय कर्मियों और बच्चों सहित कमजोर परिस्थितियों में व्यक्तियों की रक्षा के लिए सुरक्षित और निर्बाध पहुंच की अनुमति दें। यह प्रस्ताव एक ऐसा कदम है जो स्थायी और वीटो अधिकार प्राप्त सदस्य देश रूस को अलग-थलग करने की कोशिश करेगा। मसौदे में रूसी बल को यूक्रेन से बिना शर्त तुरंत वापस लेने के लिए कहा गया है।

यूएनएससी में भारत ने कहा- तत्काल खत्म की जाए हिंसा

यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में यूएन में भारत स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं। मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। हम भारतीय समुदाय के कल्याण और सुरक्षा के बारे में भी बहुत चिंतित हैं, जिसमें यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर समसामयिक वैश्विक व्यवस्था का निर्माण किया गया है, राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और कानून है।

तिरुमूर्ति ने कहा कि सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए इन सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता है। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है, हालांकि इस समय यह कठिन जान पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव से परहेज करने का विकल्प चुना है।

चीन ने कहा- संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो

यूएनएससी में चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने कहा कि हम मानते हैं कि सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को बरकरार रखा जाना चाहिए।

जून ने कहा कि एक देश की सुरक्षा दूसरे देशों की सुरक्षा को कमजोर करने की कीमत पर नहीं हो सकती... चीन ने वोट में भाग नहीं लिया है.. यूक्रेन को पूर्व और पश्चिम के बीच एक सेतु बनना चाहिए।

रूस का हमला नग्न आक्रामकता : ब्रिटेन

संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला शुरू किया है। उनका उद्देश्य वहां की सरकार को हटाना और लोगों को अपने अधीन करना है। यह आत्मरक्षा नहीं है। यह नग्न आक्रामकता है।

यूक्रेन की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र की दो करोड़ डॉलर देने की घोषणा

रूसी हमले के बाद, युद्ध प्रभावित देश में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय अभियानों को तेज करने के लिए यूएन ने दो करोड़ डॉलर की मदद तत्काल देने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा कि यूएन और उसके मानवतावादी सहयोगी जरूरत के वक्त में यूक्रेनी लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं, यह बात मायने नहीं रखती कि वे कौन हैं और कहां हैं।

गुटेरस ने कहा, मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, हम यूक्रेन के हर कोने में भय, पीड़ा और आतंक का मंजर देख रहे हैं। ऐसे संकट में निर्दोष जनता हमेशा भारी कीमत चुकाती है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय अभियानों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि यूएन के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष से दो करोड़ डॉलर पूर्वी दोनेस्क और लुहांस्क तथा देश के अन्य क्षेत्रों में आपात अभियानों को मदद पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा, संघर्ष से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य देखभाल, आश्रय, भोजन, पानी आदि की मदद मुहैया कराने में भी इसके तहत सहयोग किया जाएगा।

यूक्रेन के बाद ताइवान में भी उठी सुरक्षा को लेकर चिंताएं : रिपोर्ट

यूक्रेन पर रूसी हमले ने एक और जगह पर दुनिया का ध्यान खींचा है। यह जगह है ताइवान, जिसकी संप्रभुता पर चीन पहले से निगाह गढ़ाए बैठा है। कुछ विश्लेषकों ने स्व-शासित ताइवान पर अपने नियंत्रण का दावा करने के लिए चीनी धमकियों की यूक्रेन हमलों से तुलना की है। विश्लेषकों को डर है कि चीन भी रूस के समान ताइवान पर हमले को लेकर विचार कर सकता है।

बता दें कि चीन पहले से ही ताइवान में सैन्य अभियान चलाने की धमकियां देता रहा है। यहां लोकतंत्र की आजादी की तरफ रुझान रखने वाली राष्ट्रपति साइ इंग-वे के 2016 में पदभार ग्रहण करने के बाद से चीन का ताइवान पर ध्यान गया है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के संस्थान और तमकांग में रणनीतिक अध्ययन के प्रोफेसर काओ-चेंग वांग ने कहा कि अमेरिका शायद ताइवान को ज्यादा महत्व देता है इसलिए हमें देखना होगा कि यह संघर्ष कैसा होगा। ताइवान की सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद वांग टिंग-यू ने कहा, मौजूदा हालात में हम किनारे पर नहीं बैठ सकते। सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के चीनी विशेषज्ञ ली मिंजियांग ने कहा कि फिलहाल ताइवान पर सैन्य कार्रवाई की संभावना नहीं है।

ताइवान का दावा, हमारे रक्षा क्षेत्र में घुसे चीन के 9 लड़ाकू विमान

रूस-यूक्रेन तनाव के बीच चीन ने भी ताइवान को अपना हिस्सा बताकर एक पुराने विवाद को फिर हवा दी है। ताइवान ने दावा किया है कि चीन के 9 लड़ाकू विमानों ने ताइवान उसके हवाई रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की है। चीन के लड़ाकू विमान पहले भी कई बार ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुसपैठ करते रहे हैं। गत वर्ष नवंबर में चीन के 27 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी।

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