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लंदन. ब्रिटेन के लंदन में एक 6 महीने के बच्चे के शरीर में एक साथ दो जरूरी अंग ट्रांसप्लांट किए गए. पहला अंग शरीर में खून की सप्लाई करते रहने के लिए और दूसरा ट्रांसप्लांट बीमारियों से बचाने के लिए किया गया है. इस सर्जरी को दुनिया की पहली कॉम्बिनेशन सर्जरी बताया जा रहा है. ड्यूक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में ये सर्जरी की गई है.
'साइंस' की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे का नाम ईस्टन है. हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक कार्डिएक सर्जरी के प्रमुख डॉ. जोसेफ डब्ल्यू तुरेक ने बयान जारी करके कहा कि यह सर्जरी भविष्य में सॉलिड ऑर्गन ट्रांसप्लांट के तरीकों और संभावनाओं को बदल कर रख देगी. दिल ट्रांसप्लांट करना एक बेहद जटिल प्रक्रिया होती है. अगर यह सफल भी होती है, तब भी इसे कराने वाले के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उस दिल को नकारने लगती है.
अगर यह सफल भी होती है, तब भी इसे कराने वाले के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उस दिल को नकारने लगती है. प्रतिरोधक प्रणामी बाहरी अंग पर हमला कर देती है. ताकि अंग काम करना बंद कर दे. इससे मरीज की हालत बिगड़ जाती है. वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने लगता है.
ऐसी सर्जरी में डॉक्टर अक्सर इम्यूनोसप्रेसिव ड्रग्स देते हैं, ताकि सर्जरी के दौरान या उसके तत्काल बाद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बाहर से आ रहे अंग को रिजेक्ट न करे.
ईस्टन कमजोर दिल के साथ पैदा हुआ था. साथ ही उसके प्रतिरोधक ग्रंथि थाइमस में भी दिक्कत थी. यह ग्रंथि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने वाले T-Cells को जन्म देती है.
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ईस्टन को पिछले साल अगस्त में नया दिल और थाइमस ग्लैंड लगाया गया था. इसे लगाने की तकनीक भी ड्यूक यूनिवर्सिटी में ही विकसित की गई थी. थाइमस को खास तरीके से कल्चर और प्रोसेस किया गया था.
Nilmani Pal
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