
रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के शहरों पर हमले तेज कर दिए हैं। गुरुवार को यहां पर टैंकों-तोपों से गोलाबारी की गई तो हवाई हमलों से बमबारी भी हुई और मिसाइल दागे गए। इस समय केवल लुहांस्क, डोनेस्क और जपोरीजिया में ही जमीनी लड़ाई चल रही है, बाकी के यूक्रेन में सिर्फ हवाई हमले हो रहे हैं। लुहांस्क में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बिलोहोरिव्का पर कब्जे के लिए रूसी सेना ने ताकत झोंक दी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में महत्वपूर्ण सफलताएं अर्जित की हैं। लुहांस्क के गर्वनर सेरही हैदाई के अनुसार रूसी सेना ने वहां पर बड़ी संख्या में रिजर्व सैनिकों की तैनाती की है। गुरुवार को रूसी नौसेना ने काला सागर में यूक्रेन के एक ड्रोन को मार गिराया। यह ड्रोन क्रीमिया के सैन्य ठिकाने के नजदीक था।
अजोव सागर पर रूस का अधिकार पुतिन
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि अजोव सागर पर अब पूरी तरह से रूस का अधिकार है। वह उसका आंतरिक समुद्री हिस्सा बन गया है। 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस ने अजोव सागर के अन्य तटवर्ती इलाकों पर भी कब्जा कर लिया है। इसके चलते रणनीतिक और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अजोव सागर रूस के हाथ आ गया है और यूक्रेन उससे पूरी तरह से कट गया है। राष्ट्रपति पुतिन 17 वीं और 18 वीं सदी में रूस के शासक रहे पीटर द ग्रेट से काफी प्रभावित हैं। अपने भाषणों में अक्सर उनका उल्लेख करते हैं। इस बार उन्होंने पीटर के दिखाए रास्ते पर खुद के चलने के बात कही है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनकी सेना यूक्रेन के सभी कब्जे वाले इलाकों को मुक्त कराएगी, क्रीमिया हो या काला सागर या अजोव सागर।
विद्युत व्यवस्था भंग करने को रूस ने दागे एक हजार मिसाइल-राकेट
यूक्रेन की सरकारी बिजली कंपनी यूक्रेनइरगो ने कहा है कि रूस एक हजार से ज्यादा राकेट और मिसाइल हमले उसकी पावर ग्रिड को बर्बाद नहीं कर पाए हैं। रूसी सेना ने ये मिसाइल और राकेट अक्टूबर और नवंबर में दागे। इन हमलों से यूक्रेन की विद्युत व्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है, रात-दिन काम करने के बावजूद विद्युत व्यवस्था के शत प्रतिशत बहाल होने की उम्मीद नहीं है।