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दासता की कहानी को बयां करता क्लॉटिल्डा, 160 वर्ष पूर्व गुलामों को अमेरिका लाने वाला जहाज सुरक्षित

Subhi
27 Dec 2021 1:21 AM GMT
दासता की कहानी को बयां करता क्लॉटिल्डा, 160 वर्ष पूर्व गुलामों को अमेरिका लाने वाला जहाज सुरक्षित
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बंदी गुलामों (दास) को जुलाई 1860 में अफ्रीका से अमेरिका लाने वाले आखिरी जहाज, कलॉटिल्डा का मलबा आज भी सुरक्षित है। यह खुलासा शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया है।

बंदी गुलामों (दास) को जुलाई 1860 में अफ्रीका से अमेरिका लाने वाले आखिरी जहाज, कलॉटिल्डा का मलबा आज भी सुरक्षित है। यह खुलासा शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया है। उनका कहना है कि इस जहाज के मूल ढांचे का दो तिहाई हिस्सा अब तक बचा हुआ है। इसमें मुख्य हिस्से के नीचे स्थित वह जगह भी शामिल है, जहां 110 दासों को बेचने के लिए 160 साल पहले बेनिन (अफ्रीकी देश) से अमेरिका के मोबाइल शहर लाया गया था।

इस खुलासे से पहले, 2019 में शोधकर्ताओं ने बताया था कि अलबामा में मोबाइल नदी के कीचड़ भरे तटों पर पड़ा लकड़ी का मलबा क्लॉटिल्डा का है। लेकिन ताजा खोज ज्यादा चौंकाने वाली है। जहाज के मोटे तौर पर सुरक्षित होने की जानकारी पिछले हफ्ते नेशनल ज्योग्राफिक ने दी थी। यह खोज इसलिए भी खास है क्योंकि बीते माह ही क्लॉटिल्डा का नाम ऐतिहासिक स्थल राष्ट्रीय पंजीकरण में शामिल किया गया है। अधिकारियों का कहना था कि इस कदम से जहाज के अवशेष को संरक्षित करने में ज्यादा मदद मिलेगी।
क्लॉटिल्डा जहाज ने दासता की पूरी कहानी पर डाली रोशनी
क्लॉटिल्डा के बारे में लिखने वाले इतिहासकार सिल्वियाने ए डिऔफ का कहना है, यह जहाज बहुत महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि इसने दासता की पूरी कहानी पर रोशनी डालने का काम किया है। छह हफ्तों तक जहाज में कैद रहने वाले लोगों की कहानी भी अहम है। महज 23 फुट लंबी, 18 फुट चौड़ी और सात फुट ऊंची जगह पर इन दासों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। यह इतना बुरा अनुभव था, जिसे कभी कोई किसी के साथ होते नहीं देखना चाहेगा।
अतीत के अंधेरे दिनों की याद दिलाती 'कलाकृति'
क्लॉटिल्डा वंशज संघ के अध्यक्ष डेरेन पैटरसन के मुताबिक, लोगों की यह बहुत दर्दनाक यात्रा थी। उनके परदादा किशोरावस्था में बतौर दास इस जहाज से अलबामा पहुंचे थे। उनका मानना है, क्लॉटिल्डा एक जरूरी कलाकृति सरीखा है, जो अतीत के अंधेरे दिनों की याद दिलाता है। यह बताता है कि अश्वेतों की खरीद-फरोख्त (स्लेव ट्रेड) और गुलामी के उस दौर में कितनी अमानवीयता हुई थी।
कप्तान ने लगा दी थी आग
1860 में मोबाइल पहुंचने के बाद बंदियों को एक नाव में उतारकर क्लॉटिल्डा के कप्तान विलियम फोस्टर ने इसे आग के हवाले कर दिया था ताकि अवैध कारोबार के सुबूतों को छिपाया जा सके। शोधकर्ताओं के मुताबिक, तब से यह जहाज उसी स्थान पर खड़ा हुआ है।

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