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सबूत का दावा: ब्रिटेन में नर्व एजेंट जहरखुरानी मामले में तीसरे रूसी जासूस पर लगा आरोप

Neha Dani
22 Sep 2021 4:05 AM GMT
सबूत का दावा: ब्रिटेन में नर्व एजेंट जहरखुरानी मामले में तीसरे रूसी जासूस पर लगा आरोप
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उभर रहे नए वैरिएंट के प्रसार के साथ कोरोना को दूर रखने के लिए लगातार सतर्कता की आवश्यकता है।'

एक घटनाक्रम से ब्रिटेन-रूस के रिश्ते में और तनाव पैदा हो सकता है। स्काटलैंड यार्ड ने मार्च 2018 में ब्रिटेन के सैलिसबरी कस्बे में नर्व एजेंट जहरखुरानी से संबंधित हत्या की साजिश मामले में तीसरे रूसी सैन्य गुप्तचर अधिकारी को नामजद और आरोपित किया है। मेट्रोपोलिटन पुलिस आतंकवाद निरोधक के अधिकारियों ने कहा कि पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्कि्रपल और उसकी बेटी यूलिआ की नोविचोक नर्व एजेंट से हत्या के प्रयास मामले में अन्य दो रूसी संदिग्ध के साथ ही डेनिस सर्गीव उर्फ नाम सर्गेय फेडोटोव भी वांछित है।

हाउस आफ कामंस में दिए गए एक बयान में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने रूस पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के बुनियादी आधार को चुनौती देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'अगर इनमें से कोई भी कभी रूस से बाहर जाता है तो हम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम करेंगे। न्याय का सामना करने के लिए उन्हें हिरासत में लेने और प्रत्यíपत करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। हम रूस द्वारा उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए ठोस कदम उठाना जारी रखेंगे।'
ब्रिटेन ने विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ बूस्टर टीके का परीक्षण शुरू किया
ब्रिटेन ने 60 साल से अधिक आयु के लोगों के बीच कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ बूस्टर टीका के पहले चरण का परीक्षण शुरू किया है।अमेरिकी दवा कंपनी ग्रिटस्टोन ने मैनचेस्टर विश्वविद्यालय और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के सहयोग से जीआरटी-आर910 से जुड़े इस परीक्षण को शुरू किया है। यह पहली पीढ़ी के कोरोना टीकों की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए दवा की क्षमता का पता लगाएगा।नार्थ मैनचेस्टर जनरल अस्पताल के प्रोफेसर व अध्ययन के मुख्य अनुसंधानकर्ता एंड्रयू उस्तियानोव्स्की ने कहा, 'हमें लगता है कि जीआरटी-आर910 बूस्टर टीकाकरण के रूप में मजबूत, टिकाऊ तथा व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्राप्त करेगा, जो संवेदनशील बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा में महत्वपूर्ण है, ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की अधिक नौबत आती है।'उन्होंने कहा, 'अब हमें मालूम है कि पहली पीढ़ी के टीकों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कम हो सकती है, विशेष कर वृद्ध लोगों में। उभर रहे नए वैरिएंट के प्रसार के साथ कोरोना को दूर रखने के लिए लगातार सतर्कता की आवश्यकता है।'


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