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कामयाब ड्रोन हमलों का दावा, सऊदी अरब बना हूती विद्रोहियों की मिसाइलों का निशाना
Apurva Srivastav
16 March 2021 5:55 PM GMT
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सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन से लड़ते हुए यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब में दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं
सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन से लड़ते हुए यमन (Yamen) के हूती विद्रोहियों (Houthi Fighters) ने सऊदी अरब (Saudi Arabia) में दो बैलिस्टिक मिसाइलें (Ballistic Missile) दागीं, जो देश के दक्षिण में निर्जन सीमावर्ती क्षेत्र में लैंड हुईं. गठबंधन ने सऊदी अरब द्वारा संचालित अल इखबरिया टीवी के एक बयान में कहा कि मिसाइलों को मंगलवार को साडा (Saada) के उत्तरी यमनी प्रांत से लॉन्च किया गया था.
गठबंधन ने कहा कि उसने बैलिस्टिक मिसाइलों का जवाब साडा में एक बंकर और मिसाइलों के लॉन्चपैड को नष्ट करके दिया. बयान में कहा गया कि हम नागरिकों की रक्षा करने के लिए खतरों को नष्ट करने के उपाय कर रहे हैं. हूती विद्रोहियों ने तत्काल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कामयाब ड्रोन हमलों का दावा
हूती समूह ने सोमवार को कहा कि उसने तीन सशस्त्र ड्रोन सैन्य ठिकानों पर दागे. ड्रोन हमले में आभा हवाई अड्डे और दक्षिणी शहर खामिस मुशायत में किंग खालिद एयर बेस को निशाना बनाया गया. हूती के प्रवक्ता याह्या सराया ने कहा कि ये हमला कामयाब साबित हुआ था. हालांकि गठबंधन ने ड्रोन हमलों की पुष्टि नहीं की लेकिन कहा कि एक हूती ड्रोन पकड़ा गया जो खामिस मुशायत की ओर बढ़ रहा था.
हाल ही में सऊदी अरब में हूती विद्रोहियों के हमले बढ़ गए हैं. 7 मार्च को गठबंधन ने कहा कि कई ड्रोन और मिसाइलों को उनके टारगेट की ओर बढ़ने से रोका गया, जो रास तमुरा में एक तेल भंडारण यार्ड, एक रिफाइनरी साइट और समुद्र के बीच स्थित दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल लोडिंग फेसिलिटी की ओर बढ़ रहे थे.
सऊदी अरब के नेतृत्व में लड़ रहे युद्ध
बता दें कि सऊदी अरब के नेतृत्व में खाड़ी के कई मुल्क यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ पिछले पांच सालों से युद्ध लड़ रहे हैं. इस कारण यहां मानवीय संकट पैदा हो गया है. वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन हूतियों के खिलाफ युद्ध में सऊदी और इसके गुट को समर्थन दे रहा था और युद्ध के लिए इन्हें हथियार मुहैया कराता था. लेकिन हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने इस समर्थन को रोक दिया और हथियारों की सप्लाई पर रोक लगा दी. माना जा रहा है कि यमन को लेकर अमेरिका के नए राष्ट्रपति का रुख नरम होने वाला है.
हाल ही में अमेरिका ने कहा कि वह यमन के हूती विद्रोहियों पर से आतंकी संगठन होने का दर्जा हटाने जा रहा है. ट्रंप ने अपने कार्यकाल के अंतिम क्षणों में हूतियों को आतंकी संगठन का दर्जा दिया था, जिस कारण उनकी काफी आलोचना हुई. ट्रंप के इस फैसले के चलते यमन में मानवीय संकट पैदा हो गया. संयुक्त राष्ट्र ने यमन को दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट बताया है.
Apurva Srivastav
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