संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एनतोनियो गुतेरस के मुताबिक पूववर्ती अफगान सरकार के सौ से अधिक सदस्यों की तालिबान ने हत्या कर दी है। अंतरराष्ट्रीय सैन्य बलों के भी लोग 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद मारे गए हैं। इस बीच, तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र के इन आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि उसने किसी की भी हत्या नहीं की है।
सौ से अधिक लोगों की हत्या कीगुतेरस ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की विगत रविवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि तालिबान ने भले ही अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना और पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार के लोगों को एमनेस्टी के तहत बख्श देने का दावा किया हो लेकिन असल में उसने पूर्ववर्ती अफगान सरकार के सौ से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया है।
मीडिया के लोगों को भी बनाया निशाना
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बताया कि अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मिशन के अनुसार आइएसआइएल-केपी से जुड़े पचास से अधिक लोगों को उनकी जानकारी के मुताबिक मारा जा चुका है। तालिबान के बार-बार के इन्कार के बावजूद अफगानिस्तान से पुख्ता जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि वहां पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, मीडिया के लोगों को भी लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
खाद्य संकट गहराया
संयुक्त राष्ट्र अभियानों ने 44 ऐसे मामले दर्ज किए हैं जिसमें पत्रकारों को कुछ समय तक के लिए तालिबान के हाथों गिरफ्तार करके प्रताडि़त किया गया था। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के मुताबिक 2.28 करोड़ लोग मार्च 2022 से खाद्य संकट और असुरक्षा के दौर से गुजरने लगेंगे। इनमें से 90 लाख लोगों की स्थिति खाद्यान्न संकट के कारण बेहद दयनीय होगी। देश के पांच साल से कम उम्र के आधे बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हो जाएंगे।
सीमा विवाद पर समिति बनाने को सहमत
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोइद यूसुफ के अफगानिस्तान के दो दिवसीय दौरे के बाद दोनों देश द्विपक्षीय सीमा विवाद सुलझाने के लिए एक समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तुर्केमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत की गैस पाइपलाइन परियोजना (तापी) और ट्रांस-अफगान रेल परियोजना को भी जल्द से जल्द पूरा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, पाकिस्तान डुरंड लाइन पर सभी अफगान नागरिकों को पहचान पत्र जारी कर रहा है। ताकि वह अपने नागरिकों से इतर उनकी पहचान कर सकें।