विश्व
CJI - अपने कार्यकाल में कभी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं किया
Sanjna Verma
6 Jun 2024 3:44 PM GMT
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Oxford/London : भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव भारत के संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार है, वहीं न्यायाधीश व्यवस्था की रक्षा करने वाले संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की भावना प्रदर्शित करते हैं।सीजेआई मंगलवार को ‘समाज में निर्णायकों की मानवीय भूमिका’ विषय पर Oxfordविश्वविद्यालय में अपनी बात रख रहे थे। एक सवाल के जवाब में सीजेआई ने कहा, ‘न्यायाधीश के रूप में मेरे 24 वर्षों के कार्यकाल में मुझे कभी भी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा।… हमारा जीवन सरकार की राजनीतिक शाखा से बिल्कुल अलग है… लेकिन स्पष्ट रूप से न्यायाधीशों को अपने निर्णयों के व्यापक राजनीति पर पड़ने वाले प्रभाव से परिचित होना चाहिए। यह राजनीतिक दबाव नहीं है, बल्कि न्यायालय द्वारा किसी निर्णय के संभावित प्रभाव की समझ है।’
भारत के आम चुनावों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘चुनाव संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार है… भारत में न्यायाधीश निर्वाचित नहीं होते और इसका एक कारण यह भी है कि न्यायाधीश हालातों और संवैधानिक मूल्यों को सतत बनाए रखने की भावना को प्रदर्शित करते हैं।’ऑक्सफोर्ड/लंदन : भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव भारत के संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार है, वहीं न्यायाधीश व्यवस्था की रक्षा करने वाले संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की भावना प्रदर्शित करते हैं।
CJIमंगलवार को ‘समाज में निर्णायकों की मानवीय भूमिका’ विषय पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अपनी बात रख रहे थे। एक सवाल के जवाब में सीजेआई ने कहा, ‘न्यायाधीश के रूप में मेरे 24 वर्षों के कार्यकाल में मुझे कभी भी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा।… हमारा जीवन सरकार की राजनीतिक शाखा से बिल्कुल अलग है… लेकिन स्पष्ट रूप से न्यायाधीशों को अपने निर्णयों के व्यापक राजनीति पर पड़ने वाले प्रभाव से परिचित होना चाहिए। यह राजनीतिक दबाव नहीं है, बल्कि न्यायालय द्वारा किसी निर्णय के संभावित प्रभाव की समझ है।’
भारत के आम चुनावों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘चुनाव संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार है… भारत में न्यायाधीश निर्वाचित नहीं होते और इसका एक कारण यह भी है कि न्यायाधीश हालातों और संवैधानिक मूल्यों को सतत बनाए रखने की भावना को प्रदर्शित करते हैं।’
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Sanjna Verma
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