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चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में लॉकडाउन के बावजूद COVID-19 मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महामारी को लेकर जीरो टॉलरेंस के चलते लगाए गए प्रतिबंधों से तंग आकर लोग शिकायतें करने लगे हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को पिछले 24 घंटों में 7,788 असिंप्टोमेटिक मामलों के साथ 438 कोरोना मामलों की सूचना दी.
पहली बार चीन में ही मिला था कोरोना
दोनों आंकड़े एक दिन पहले की तुलना में थोड़े अधिक हैं. उत्तर पूर्वी प्रांत जिलिन में रविवार को संयुक्त रूप से 4,455 मामले दर्ज किए गए. ये आंकड़ा भी शनिवार के मुकाबले अधिक है. बता दें कि कोरोना वायरस पहली बार 2019 के अंत में चीन के मध्य शहर वुहान में पया गया था.
पाबंदियों की तेजी से तंग आ रहे लोग
शंघाई में पिछले हफ्ते दो फेज में लॉकडाउन शुरू किया गया. आश्वासन के बावजूद, खाद्य वितरण और दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की शिकायतों के बीच पुडोंग में लाखों लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. जनता को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि उन्हें प्रतिदिन COVID-19 के लिए सेल्फ टेस्ट करने, घर पर मास्क पहनने और परिवार के सदस्यों के संपर्क से बचने सहित अन्य सावधानियां बरतने की आवश्यकता है. लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही आइसोलेशन में रह रहे शंघाई के निवासी अब पाबंदियों की से तंग आ रहे हैं.
ऑनलाइन दिखाई पड़ रही शिकायतें
हालांकि चीन की राज्य-नियंत्रित मीडिया में आ रही कवरेज वहां की स्थिति को काफी सकारात्मक दिखा रही है. लेकिन शिकायतें ऑनलाइन दिखाई दे रही हैं, जिसमें वीडियो और साउंड रिकॉर्डिंग के रूप में अधिकारियों द्वारा काफी सख्ती दिखाने का आरोप लगाया गया है.
'खास जानलेवा नहीं हैं कोरोना मामले फिर भी...'
शिकागो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डाली यांग ने रविवार को ट्वीट किया, "जबकि वुहान में एक बार लॉकडाउन लागू होने के बाद इसका सामाजिक प्रतिरोध बहुत कम था, लेकिन शंघाई में प्रतिरोध अब साफ दिख रहा है." यांग ने ट्वीट किया, "शंघाई में कोरोना के मामले खास जानलेवा नहीं हैं. ऐसे में यह आश्चर्य की बात नहीं है कि लॉकडाउन लागू करने और संक्रमितों को जबरन क्वारंटाइन करने का विरोध हो रहा है."
jantaserishta.com
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