अफगानिस्तान में तालिबान के सख्त तेवर के बीच अमेरिकी सीआइए निदेशक जे बर्न्स वार्ता के लिए काबुल गए थे। अमेरिकी अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि की है। अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि बर्न्स काबुल में तालिबान के शीर्ष नेताओं से व्यक्तिगत बातचीत हुई है। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद यह किसी अमेरिका शीर्ष अफसर की पहली वार्ता है। खास बात यह है कि अमेरिकी सीआइए प्रमुख की काबुल यात्रा ऐसे समय हुई है, जब तालिबान अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए 31 अगस्त की डेडलाइन है। तालिबान साफ कर चुका है कि जब तक अफगानिस्तान में एक भी अमेरिकी सैनिक रहेगा वह सरकार गठन की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाएंगे। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने तालिबान के इस डेडलाइन को गंभीरता से लिया है। इस घटना को इसी कड़ी के रूप में जोड़कर देखा जा रहा है।