![पाकिस्तान के ईसाई ट्रांसजेंडर को मिला अपना पहला गिरजाघर पाकिस्तान के ईसाई ट्रांसजेंडर को मिला अपना पहला गिरजाघर](https://jantaserishta.com/h-upload/2020/11/25/858321-8.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पाकिस्तान में ईसाई ट्रांसजेंडर लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार, उपहास और अपमान का सामना करना पड़ता है लेकिन समुदाय के लोगों का मानना है कि उनके लिए बनाए गए गिरिजाघर में अब उन्हें शांति और सांत्वना मिलेगी। उनका कहना है कि दूसरे गिरजाघरों में सुनवाई नहीं होने पर वे अपनी समस्याएं यहां साझा कर सकते हैं।
पाकिस्तान में 'फर्स्ट चर्च ऑफ यूनक(किन्नर)' नाम का यह गिरजाघर केवल ट्रांसजेडर ईसाइयों के लिए है। 'किन्नर' शब्द दक्षिणी एशिया में अक्सर महिला ट्रांसजेंडरों के लिए उपयोग किया जाता है और कुछ लोग इसे अपमानजनक मानते हैं।
गिरजाघर की पादरी और सह संस्थापक गजाला शफीक ने कहा कि उन्होंने अपनी बात रखने के लिए यह नाम चुना। बाइबल के अंशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि किन्नरों पर ईश्वर की कृपा होती है। सभी धर्मों की ट्रांसजेंडर महिलाओं और पुरुषों को रुढ़िवादी पाकिस्तान में अक्सर सार्वजनिक रूप अपमान, यहां तक की हिंसा का सामना करना पड़ता है।
सरकार ने हालांकि उन्हें आधिकारिक तौर पर 'थर्ड जेंडर' के रूप में मान्यता दे दी है लेकिन अक्सर उनके परिवा वाले उन्हें त्याग देते हैं जिसके बाद उन्हें भीख मांगकर, शादियों में नाच कर अपना गुजारा करना पड़ता है। उनको अक्सर यौन शोषण का सामना करना पड़ा है और अंतत: वे यौनकर्मी बन जाते हैं।
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