विभाजन के दौरान अलग हुए एक ईसाई परिवार की दूसरी पीढ़ी के सदस्य जब पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में करीब 35 साल बाद फिर से मिले तो बेहद भावुक हो गए। ऐसी घटनाएं भारत और पाकिस्तान के लोगों को करीब लाने में वीजा मुक्त करतारपुर गलियारे की सफलता को दर्शाती हैं। परिवार के पुनर्मिलन के दौरान सदस्यों की आंखें भर आई। इस भावुक पल की तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।
शुक्रवार को पाकिस्तान में ननकाना जिले के मनावाला के रहने वाले शाहिद रईक मिठू अपने परिवार के 40 सदस्यों के साथ पहुंचे। उन्होंने अमृतसर जिले की अजनाला तहसील के शाहपुर डोगरा गांव निवासी सोनू मिठू से मुलाकात की। सोनू के साथ उनके परिवार के आठ सदस्य भी थे।शाहिद मिठू ने कहा कि उनके दिवंगत दादा इकबाल मसीह विभाजन के दौरान पाकिस्तान आ गए थे, जबकि इकबाल के भाई इनायत भारत में ही रुक गए थे।
शाहिद ने कहा, करीब 35 साल पहले इनायत ननकाना साहिब के मनावाला स्थित हमारे घर घूमने आए थे। तब मैं सात साल का था। उन्होंने और मेरे दादा (इकबाल) ने उस दौरान अपने बचपन के दिनों को याद किया था। मेरे दादा का दो महीने पहले निधन हो गया, जबकि इनायत का करीब सात साल पहले निधन हो चुका है। उनके दो बड़े भाइयों का भी निधन हो चुका है।