दुश्मन का सामना करने के लिए चीनी शब्द, मजबूर करने की रणनीति पर चल रहा चीन

बीजिंग: यूक्रेन के साथ जारी जंग में क्या रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका के रास्ते पर चलकर परमाणु हमले का आदेश देंगे या नहीं, कोई नहीं जानता है। विशेषज्ञों की मानें तो पुतिन इस समय उस किताब में लिखी बातों को फॉलो कर रहे हैं जिसे अंतरराष्ट्रीय रिश्तों का साहित्य (IR) कहा जाता है। इसी लिट्रेचर में परमाणु सिग्नलिंग का जिक्र है जिसे संकट का सिग्नल भी कहा जाता है। वहीं उनका दोस्त चीन परंपरा या किसी किताब में लिखी बातों को मानने में यकीन नहीं करता है। चीन किस तरह से अपने दुश्मन को उलझाकर रखता है, पूर्वी लद्दाख इसका उदाहरण है। विशेषज्ञों की मानें तो चीन ने पिछले दो साल भारत के साथ जारी टकराव में यह बात साबित कर दी है कि वह किसी परंपरा को नहीं मानता है। बल्कि उसकी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) अपनी ही स्टाइल में बातों को आगे बढ़ाती है।