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बेड़े में शामिल किया चीनी युद्धपोत, 'खैरात' और 'मेड इन चाइना' के भरोसे पाकिस्तानी नौसेना

Neha Dani
25 Jan 2022 9:47 AM GMT
बेड़े में शामिल किया चीनी युद्धपोत, खैरात और मेड इन चाइना के भरोसे पाकिस्तानी नौसेना
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CPEC परियोजनाओं पर हमले भी हुए हैं. इस वजह से यहां पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.

पाकिस्तान (Pakistan) ने सोमवार को चीन (China) निर्मित एक बहुउद्देश्यीय फ्रिगेट (तेज गति से चलने वाला युद्धपोत) और कतर (Qatar) द्वारा दिए गए 10 हेलीकॉप्टरों को अपनी नौसेना में शामिल किया. पाकिस्तान नौसेना (Pakistan Navy) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पीएनएस तुगरिल फ्रिगेट (PNS Tughril) और 10 सी किंग हेलीकॉप्टरों (Sea King helicopters) को कराची (Karachi) के 'डॉकयार्ड' (PN Dockyard) में आयोजित एक समारोह में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया. हाल के दिनों में पाकिस्तानी नौसेना के अधिकतर हथियार और जहाज चीन से ही सप्लाई किए जाते रहे हैं.

पाकिस्तान नौसेना के लिए चार फ्रिगेट के कॉन्ट्रैक्ट पर जून 2018 में पाकिस्तान और चीन (Pakistan and China) के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. वहीं सी किंग हेलीकॉप्टर कतर ने पाकिस्तान में उपहार में दिए हैं. पीएनएस तुगरिल अपनी तरह का पहला पोत है जिसे शंघाई (Shanghai) के एक 'शिपयार्ड' में बनाया गया है. ये एक मल्टी-मिशन वाला जहाज है, सतह से हवा (SAM) और सुपरसोनिक सतह से सतह मिसाइल (SSM) जैसे हथियारों से सुसज्जित है. पाकिस्तानी नौसेना के बयान में कहा गया, हथियारों और सेंसर के जरिए ये अत्याधुनिक जहाज कई समुद्री ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है.
तुर्कमान सरदार के नाम मिला युद्धपोत को तुगरिल नाम
चीनी बहुउद्देश्यीय फ्रिगेट का नाम तुर्कमान सरदार (Turkoman chieftain) तुगरिल के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 11वीं और 14वीं शताब्दी के बीच आधुनिक ईरान, इराक, सीरिया और तुर्की पर शासन करने वाले सेल्जुक साम्राज्य (Seljuk Empire) की स्थापना की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा कहा जा रहा है कि तुगरिल युद्धपोल पाकिस्तान की नौसेना का अब तक का सबसे बेहतरीन युद्धपोत है. इसके जरिए पाकिस्तान समुद्री सीमा और अपने सहयोगियों के हितों की रक्षा करेगा. सहयोगियों के हितों की रक्षा से अभिप्राय चीन द्वारा बनाए गए रहे चीन-पाकिस्तान ऑर्थिक गलियारे से है.
क्या है चीन-पाकिस्तान ऑर्थिक गलियारा?
चीन ने पाकिस्तान में 53 अरब डॉलर के सौदों के साथ चीन-पाकिस्तान ऑर्थिक गलियारे (CPEC) में भारी निवेश किया है. ये चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक हिस्सा है. इसके तहत चीन ने शिनजियांग क्षेत्र (Xinjiang) और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह (Gwadar port) को जोड़ने के लिए बुनियादी ढांचे, बिजली लाइनों को अपग्रेड किया गया है. हालांकि, स्थानीय बलूच लोगों के बीच चीन की परियोजनाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर नाराजगी है. CPEC परियोजनाओं पर हमले भी हुए हैं. इस वजह से यहां पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.

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